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बिना शिक्षा और शिक्षक मनुष्य का जीवन अपूर्ण- मरावी

बिना शिक्षा और शिक्षक मनुष्य का जीवन अपूर्ण- मरावी


कटनी। शिक्षक का सम्मान पुरातन काल से होता आया है,बिना शिक्षा और शिक्षक के मनुष्य का जीवन अपूर्ण है। शिक्षक राष्ट्रनिर्माता और मनुष्य के जीवन में प्राणवायु की तरह है।उक्ताशय के उद्गार पूर्व जनजाति आयोग अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी ने राघव रीजेन्सी कटनी में SIRT(सागर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट)द्वारा आयोजित शिक्षा सम्मान समारोह में व्यक्त किए।कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए नरेन्द्र मरावी ने सनातन संस्कृति और वेद के साथ विज्ञान के संबंध पर विस्तार से प्रकाश डाला ।

SIRT ग्रुप द्वारा आयोजित शिक्षा सम्मान समारोह में कटनी जिले के शासकीय,अशासकीय विद्यालयों के 115 शिक्षकों को सम्मानित किया गया ।साथ ही कटनी जिले के शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले स्वयंसेवी संस्था प्रमुख भी सम्मानित किए गए ।

समारोह में कटनी जिले के जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने आयोजनकर्ता ग्रुप की सराहना करते हुए शिक्षक के महत्व को बताया।

सांसद प्रतिनिधि पद्मेश गौतम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सनातन काल से ही विश्वगुरू था।किसी भी समाज तथा राष्ट्र के विकास में शिक्षा और शिक्षक की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण है।

SIRT के ग्रुप हेड सर्वेस शुक्ला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं ग्रुप के उद्देश्यों पर चर्चा की।
इस समारोह में सागर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन प्रशान्त जैन,ग्रुप हेड सर्वेस शुक्ला,शासकीय अध्यापक संगठन के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे , SIRT ग्रुप से बी.के गुप्ता,सुरेन्द्र मिश्रा,महेन्द्र जोशी,आलोक सिंह बघेल सहित अनेक शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख एवं गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।

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