राष्ट्रीय

बढ़ती दुर्घटनाओं से जागा रेलवे, एक लाख पदों पर होगी बंपर भर्तियां

बढ़ती दुर्घटनाओं से जागा रेलवे, एक लाख पदों पर होगी बंपर भर्तियां
नई दिल्ली। देर आयद, दुरुस्त आयद। रेलवे ने संरक्षा श्रेणी में एक लाख कर्मचारियों की भर्ती का फैसला लिया है। कई दुर्घटनाओं और भारी उलटफेर के बाद रेलवे को यह बात समझ में आई कि दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए तकनीक के साथ-साथ उपकरणों, सामानों और कर्मचारियों की कमी भी दूर करनी पड़ेगी। इन भर्तियों पर लंबे समय से रोक लगी हुई थी।
रेलवे बोर्ड अधिकारियों के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल की पहली मैराथन बैठक के बाद से ही संरक्षा को लेकर रेलवे की सोच में बदलाव दिखाई देने लगा है। रविवार को पूर्ण रेलवे बोर्ड और जोनल महाप्रबंधकों के बीच हुई वीडियो कांफ्रेंस में रेल मंत्री के निर्देशों को जमीन पर उतारने के लिए बोर्ड ने अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
इनमें सबसे बड़ा निर्णय सेफ्टी कैटेगरी के एक लाख रिक्त पदों पर भर्ती का है।
बैठक में महानिदेशक (कार्मिक) ने कहा कि सेफ्टी कैटेगरी में जूनियर इंजीनियरों तथा सीनियर सेक्शन इंजीनियरों की शत-प्रतिशत भर्ती का निर्णय लिया गया है। अगले तीन महीनों में बड़ी संख्या में सहायक स्टेशन मास्टर तथा गार्डों की भर्ती होगी। इसके अलावा ग्रुप-सी के 50 फीसद पदों को रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) के माध्यम से भरा जाएगा। उन्होंने ग्रुप-डी के आधे पदों को आरआरबी और शेष पदों को रेलवे भर्ती प्रकोष्ठों (आरआरसी) के मार्फत भरे जाने की जानकारी दी।
बैठक में सेफ्टी श्रेणी के कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए जोनों को जरूरत पड़ने पर कांट्रैक्ट के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं लेने को भी कहा गया। उन्हें स्पष्ट कर दिया गया कि सेफ्टी कैटेगरी कर्मचारियों की कार्यदशाओं को लेकर उनका नजरिया सकारात्मक होना चाहिए। जहां तक संभव हो कर्मचारियों के इंटरजोनल ट्रांसफर अनुरोधों को लटकाने की बजाय उन पर 15 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए। बोर्ड ने लोको पायलटों के विश्राम, आवास और खानपान संबंधी दिक्कतों का तुरंत समाधान किए जाने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में पेंशनरों की दिक्कतों पर भी चर्चा हुई। वित्त और कार्मिक विभाग से विशेष टीमों का गठन कर एक महीने में पेंशनरों की समस्याओं का निदान करने को कहा गया है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने कहा कि संरक्षा के मामले में विभागवाद आड़े नहीं आना चाहिए। अधिकारियों को सेक्शन इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, टै्रकमैन, चौकीदारों के बीच जाकर उनसे बात करनी चाहिए और उनकी समस्याओं व जरूरतों को समझने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सभी कार्यालयों, वर्कशॉप, स्टाफ क्वार्टर, रनिंग रूम, रेस्ट हाउस, आरपीएफ बैरक की दशा में तत्काल सुधार के निर्देश दिए।
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने इन निर्णयों पर प्रसन्नता प्रकट की। उन्होंने कहा कि संरक्षा श्रेणी में वैसे तो दो लाख पद खाली हैं, लेकिन एक लाख पद ऐसे हैं, जिनके बगैर काम नहीं चल सकता। देर से ही सही, रेलवे बोर्ड ने हमारी बात को समझा है। इससे निश्चित रूप से स्थिति में सुधार होगा। कुल मिलाकर लगभग 65 हजार कर्मचारियों की भर्ती आरआरसी के जरिये, जबकि 35 हजार कर्मचारियों की भर्ती आरआरबी के मार्फत होगी।
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button