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Swachh Survekshan 2022 : स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में पिछली बार जबलपुर 20वें स्थान पर रहा, अब टॉप टेन में आने की उम्मीद

भोपाल । स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के नतीजे 2 अक्टूबर को आ सकते हैं। इसमें एक बार फिर मध्यप्रदेश का डंका बज सकता है। इंदौर सफाई में सिक्सर लगा सकता है। पिछली पांच बार से वह देशभर में अव्वल आ रहा है। वहीं, राजधानी भोपाल की रैंकिंग भी सुधरने की उम्मीद है। पिछली बार भोपाल की पॉजिशन सातवीं थी। प्रदेश को कुल 35 अवॉर्ड मिले थे। अबकी बार अवॉर्ड की संख्या भी बढ़ सकती है।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के नतीजे अक्टूबर 2022 में जारी हो सकते हैं। जबलपुर स्मार्ट सिटी व नगर निगम के अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार जबलपुर टाप-10 में जगह बनाएगा। वहीं जानकारों की मानें तो स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग गत वर्ष की तुलना में सुधरेगी तो जरूर पर जबलपुर टाप-10 में जगह नहीं बना पाएगा। जबलपुर की रैंकिंग 11 से 15 के बीच रहने वाली है। नगर निगम ने सफाई व्यवस्था में सुधार सहित अन्य मानकों को पूरा करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर तो लगाया था, लेकिन नालियों की सफाई, स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे भूमिगत सीवर लाइन, सड़क सहित अधोसंरचना से जुड़े काम अधूरे काम रैंकिंग में बट्टा लगा सकते हैं। वर्ष 2021 में स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में जबलपुर 20वें स्थान पर था, उसके पहले 17वां हासिल किया था।

सफाई व्यवस्था में आया था सुधार-

 

वर्तमान में भले ही सफाई व्यवस्था पटरी से उतर गई है, लेकिन सर्वेक्षण के दौरान नगर निगम ने सफाई व्यवस्था में व्यापक स्तर पर सुधार किया था। नाले-नालियों को ग्रीन नेट से जहां ढंक दिया गया था वहीं सफाई कर्मियों से तीन शिफ्टों में काम लिया जा रहा था। अधिकारी भी सुबह से रात तक बारी-बारी से सफाई कार्यों की निगरानी कर रहे थे। कलेक्टर डा इलैयाराजा टी व निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ भी सफाई कार्यों की निगरानी कर रहे थे। डाक्यूमेंटेशन, नागरिक फीडबैक सहित ओडीएफ प्लस-प्लस की प्रकिया भी पूरी की गई थी। लिहाजा ये माना जा रहा है कि स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में इस बार सुधार आने की उम्मीद है।

इंदौर वर्ष 2017 से ही देशभर में नंबर-1 पर आ रहा है। अबकी बार इंदौर ने सिक्सर लगाने का पूरा जोर लगा दिया है। भोपाल देश के सबसे स्वच्छ टॉप-5 शहरों की दौड़ में है। मार्च-अप्रैल में सर्वेक्षण और डॉक्यूमेंट अपलोड किए जा चुके हैं। जनता के फीडबैक को लेकर भी पूरा जोर लगाया गया है।

राजधानी में निगम ने सफाई और सजावट को लेकर ताकत झोंक दी। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन पर खास जोर दिया गया। सूखा और गीला कचरा अलग-अलग लिए गए। वहीं, गाडिय़ों के गली-मोहल्लों में पहुंचने की टाइमिंग भी ठीक की गई। पार्कों की सजावट, नए पार्कों में इनोवेशन, फुटपॉथ और सेंट्रल वर्ज की धुलाई, डिवाइडर का रंगरोगन भी किया गया।

इस बार सर्वेक्षण 6000 की बजाए 7500 अंकों का हुआ है। इसमें जनता से फीडबैक, खुले में शौच, डोर-टू-डोर कचरा कनेक्शन, सौंदर्यीकरण जैसे प्रमुख बिंदू शामिल रहे। इनके अलावा इनोवेशन और दस्तावेजों के आधार पर भी अंक मिलेंगे।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में प्रदेश को कुल 27 सम्मान मिले थे। इसमें 18 शहर स्टार रेटिंग और 9 शहर स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए थे। वहीं, 2021 के सर्वेक्षण में कुल 35 अवॉर्ड मिले थे।

2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर शहरी विकास मंत्रालय स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 का परिणाम घोषित करने जा रहा है। मंत्रालय ने पिछले साल का परिणाम घोषित करने से पहले ही 2023 की गाइड लाइन जारी कर चुका है। इंदौर इस बार भी स्वच्छता का सिक्सर लगाने की तैयारी में है। इंदौर समेत देशभर के 4355 शहरों की स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की फाइनल रिपोर्ट तैयार हो चुकी है।

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