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Safety shoes Prepared By Student : घबराहट बढ़ते ही लाइव लोकेशन भेजेगा जूता, छूते ही मारेगा करंट

Safety shoes Prepared By Student : घबराहट बढ़ते ही लाइव लोकेशन भेजेगा जूता, छूते ही मारेगा करंट

Safty shoes Prepared By Student: छात्रों ने तैयार किया सेफ्टी सूज: घबराहट बढ़ते ही लाइव लोकेशन भेजेगा जूता, छूते ही मारेगा करंटइंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम), गीडा के तीन छात्रों ने महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर एक ऐसा सेफ्टी शूज तैयार किया है, जो अपहरण के मामले को सुलझाने में मददगार बनेगा। अपहृत व्यक्ति के घबराने पर नजदीकी पुलिस और घरवालों के पास फोन कॉल जाएगा और लाइव लोकेशन भी पहुंच जाएगी।

सामान्य जूते की तरह दिखने वाला यह शेफ्टी शूज छूते ही चार लाख वोल्टेज का करंट मारेगा। इसे बीटेक अंतिम वर्ष के इलेक्ट्रानिक्स एंड कंप्यूटर ब्रांच के आदित्य सिंह, शुभम लाल एवं संदीप कुमार यादव ने हेड दीप्ती ओझा और शिक्षक विनीत राय के मार्गदर्शन में तैयार किया है। इस विशेष जूते को बनाने में 2,500 रुपये खर्च हुए हैं।

छात्रों ने इस विशेष जूते का प्रदर्शन गीडा के स्थापना दिवस पर भी किया था, जिसे पुलिस के आला अधिकारियों ने काफी सराहा। आदित्य ने बताया कि इस तकनीक को पेटेंट कराने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेंगे। ताकि यह विशेष जूता बाजार में आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सके।

छेड़खानी व बच्चों के अपहरण से मिली प्रेरणा

आदित्य ने बताया इस तकनीक को विकसित करने की प्रेरणा छेड़खानी और बच्चों के बढ़ते अपहरण के मामलों से मिली। संदीप यादव ने इस तकनीक को विकसित करने का विचार साझा किया। जिसके बाद शिक्षकों के मार्गदर्शन में दस दिनों में शेफ्टी सूज तैयार किया गया।

ऐसे मारेगा करंट

आदित्य ने बताया कि पूरा सिस्टम जूते के शोल में फिट रहेगा। इसमें 3.7 वोल्टेज की बैटरी रहेगी। जेनरेटर सिस्टम डीसी करंट को बढ़ाकर चार लाख वोल्टेज तक करेगा। जूते में आगे की तरफ एक बटन लगा रहेगा, जिसे दबाते ही एक पिन बाहर आ जाएगी। इसे छूते ही सामने वाले को करंट लगेगा। खास बात यह है कि एक से ज्यादा बार दबाने पर भी बैटरी डिस्चार्ज नहीं होगी।

स्वत: चार्ज होगी बैटरी

जूते में लगी बैटरी स्वत: चार्ज होगी। जैसे-जैसे जूता पहनने वाला व्यक्ति चलेगा, बैटरी चार्ज होती जाएगी।

जीपीएस ट्रैकर से पता लगेगा लोकेशन

सेफ्टी शूज में जीपीएस ट्रैकर लगा हुआ है। ब्लू टूथ के माध्यम से यह मोबाइल फोन से जुड़ा रहेगा। इसमें कई नंबर फीड हो सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति अपहृत है तो घबराहट के चलते उसके पैर का तलवा ठंडा होने लगेगा। जूते में लगे सेंसर ऑटोमेटिक पैनल से पहले अलर्ट कॉल जाएगा, जैसे ही फोन कटेगा लाइव लोकेशन का लिंक चला जाएगा।

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