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No Maths Course 10th गणित विषय से लगता है दसवीं में डर? सरकार ने अगले सत्र से दो विकल्प देने का फैसला किया

No Maths Course 10th गणित विषय से लगता है दसवीं में डर? सरकार ने अगले सत्र से दो विकल्प देने का फैसला किया

No Maths Course 10th अगर आपके बच्चे को भी गणित विषय से डर लगता है तो यह खबर महत्वपूर्ण है, सरकार ने उसके लिए अगले सत्र से दो विकल्प देने का फैसला किया है। मप्र बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में सीबीएसई की तर्ज पर विद्यार्थियों के पास गणित के दो में से कोई एक प्रश्नपत्र देने का विकल्प होगा।

10वीं के विद्यार्थियों को फार्म भरते समय ही गणित के दोनों पेपर में से किसी एक का विकल्प चुनना होगा। तभी वे परीक्षा दे सकेंगे। अगर कोई विद्यार्थी बेसिक गणित चुनता है और पह परीक्षा पास कर लेता है। फिर उसे लगता है कि अब उसे आगे गणित विषय लेकर पढ़ाई करनी है तो उसे स्टैंडर्ड गणित का पेपर देना होगा।

अगर 11वीं में गणित विषय नहीं लेना है तो वे बेसिक गणित का पेपर देंगे और अगर आगे 11वीं में गणित विषय से पढ़ाई करनी है तो स्टैंडर्ड पेपर देना होगा। इससे विद्यार्थियों को अब गणित का पेपर कठिन नहीं लगेगा।

यह नियम सीबीएसई में पिछले साल से लागू कर दिया गया है। वर्तमान में मप्र बोर्ड में गणित की परीक्षा स्टैंडर्ड लेवल पर होती है। इस कारण हर साल गणित विषय में अधिक विद्यार्थी फेल होते हैं। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 10वीं व 12वीं में के मूल्यांकन में भी कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत माशिमं सीसीएलई (कंटिन्यूअस एंड काम्पिहेंसिव लर्निंग एंड इवेल्यूएशन) के तहत आंतरिक मूल्यांकन करेगा। इसमें 10वीं में 75 अंक का सैद्धांतिक पेपर होगा और 25 अंक सीसीएलई आधारित मूल्यांकन पर मिलेंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 10वीं व 12वीं में कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत माशिमं सीसीएलई (कंटिन्यूअस एंड काम्पिहेंसिव लर्निंग एंड इवेल्यूएशन) के तहत आंतरिक मूल्यांकन करेगा। इसमें 10वीं में 75 अंक का सैद्धांतिक पेपर होगा और 25 अंक सीसीएलई आधारित मूल्यांकन पर मिलेंगे। सीसीएलई के अंक स्कूल मूल्यांकन कर बोर्ड को भेजेगा। मंडल ने इस साल का ब्लू प्रिंट वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

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