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PM मोदी की मन की बातः आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं

PM मोदी की मन की बातः आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आकाशवाणी से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 35वें संस्‍करण के जरिए लोगों के साथ अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए सबसे पहले हरियाणा के हिंसा पर चिंता और नाराजगी जतायी और अहिंसा परमो धर्म की याद दिलाई। उन्‍होंने कहा आस्‍था के नाम पर हिंसा को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कानून सजा देगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने स्‍वच्‍छता अभियान, जन धन योजना, राष्‍ट्रीय खेल दिवस, शिक्षक दिवस का भी जिक्र किया।
उन्‍होंने देशवासियों को गणेश चतुर्थी और ओणम के साथ र्इद उल जुहा की शुभकामनाएं देते हुए स्‍वच्‍छता पर भी जोर दिया। आधुनिकता को स्‍वच्‍छता से जोड़ते हुए उन्‍होंने कहा कि इन दिनों पर्यावरण के प्रति सजगता देखा जा सकता है। उन्‍होंने गणेश चतुर्थी में इकोफ्रेंडली गणेश की मूर्तियों की तारीफ की।
स्‍वच्‍छता मिशन के तीन साल पूरे होने की बात कहते हुए उन्‍होंने कहा, शौचालय की प्रतिशतता बढ़ी है। गुजरात के बाढ़ का जिक्र करते हुए उन्‍होंने वहां के बनासकांठा में स्‍वच्‍छता के सद्भाव का उदाहरण दिया। उन्‍होंने बताया कि जमीयत उल उलेमा हिंद ने मंदिर की सफाई की। उन्‍होंने इस साल दो अक्‍टूबर को स्‍वच्‍छता का संकल्‍प लेने की बात कही। उन्‍होंने इस साल दो अक्‍टूबर को स्‍वच्‍छता का संकल्‍प लेने की बात कही। उन्‍होंने देश वासियों से इस साल स्‍वच्‍छ 2 अक्‍टूबर बनाने की अपील करते हुए गांधी जयंती पर देश को चमकाने की बात कही।
उन्‍होंने कहा, ‘मन की बात के इस कार्यक्रम के साथ देश के हर कोने से लाखों लोग जुड़ जाते हैं। मुझे पत्र लिखते हैं, मैसेज भेजते हैं, फोन पर संदेश देते हैं, मैं आपके संदेशों का इंतजार करता हूं क्‍योंकि आपकी बातों से सीखने का मौका मिलता है और आपके इसी योगदान के लिए आभार व्‍यक्‍त करता हूं।’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, हम मेहनतकश लोग से मोल भाव करते हैं। गरीब की इमानदारी पर शक करते हैं। बड़े रेस्‍त्रां और शोरूम में मोल भाव भी नहीं करेंगे।
29 अगस्‍त मेजर ध्‍यानचंद की जयंती की याद दिलाते हुए उन्‍होंने राष्‍ट्रीय खेल दिवस का जिक्र किया और युवा पीढ़ी से खेलों से जुड़ने को कहा। उन्‍होंने बताया कि खेल मंत्रालय की ओर से खेल को बढ़ावा देने वाले विशेष पोर्टल के शुरुआत की जाएगी। उन्‍होंने कंप्‍यूटर के बजाय खुले मैदान में खेलने पर जोर दिया।
इसके बाद 5 सितंबर को मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस पर बदलाव का संकल्‍प लेने की अपील करते हुए उन्‍होंने राधाकृष्‍णन के शिक्षण के प्रति समर्पण को याद किया।
उन्‍होंने आगे बताया, ‘28 अगस्‍त को जन धन योजना के तीन साल पूरे हो जाएंगे। यह दुनिया में चर्चा का विषय है। इस योजना से 30 करोड़ लोगों को जोड़ा गया है। इसमें गरीबों द्वारा 65 हजार करोड़ कर रकम जमा है। रुपे कार्ड से लोगों के बीच समानता का भाव जगा।’
पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सुनने के लिए देशभर में स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के केंद्रों में खास तैयारी की गई है, जिसमें वह खेल से जुड़े मुद्दे खासकर 2020 टोक्यो ओलिंपिक के बारे में अपने विचार साझा कर सकते हैं। खबरों की माने तो देश भर के साई केंद्रों के वरिष्ठ अधिकारियों को कहा गया है कि वे खिलाड़ियों को इसके बारे में बताएं।

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