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भोपाल के ‘शरीफ’ को अमेरिका के सेंट लुइस में गोलियों से भूना

भोपाल। भोपाल निवासी युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर शरीफ रहमान खान की अमेरिका के सेंट लुइस शहर में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई है। हत्यारा अमेरिकी मूल का है। शरीफ के परिजनों के मुताबिक हत्यारे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्या की कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है और परिजन पेशोपेश में हैं। परिजन इसे नस्लभेदी हिंसा से जोड़कर देख रहे हैं, क्योंकि सेंट लुइस में पिछले तीन-चार दिनों में एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। परिजनों के मुताबिक सेंट लुइस में शरीफ के दोस्तों ने भी बताया है कि अमेरिका में एशियाई मूल के लोगों पर जगह-जगह फायरिंग हो रही है। शरीफ महज 29 साल का था और छह साल से सेंट लुइस में रह रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेंट लुइस में पिछले दिनों भी एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ हिंसा की घटना हुई थी। इसके अलावा मार्च महीने में अटलांटा में आठ एशियाई लोगों की हत्या कर दी गई है।

राजधानी के न्यू सुभाष नगर निवासी शरीफ रहमान खान भोपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर और तीन साल यहां नौकरी करने के बाद अमेरिका चला गया था। वर्तमान में वह बिरला साफ्ट कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर था। शरीफ के बड़े भाई मुजीब खान ने बताया कि भारतीय समय अनुसार बुधवार शाम करीब चार बजे शरीफ के साथ रहने वाले अशीष का फोन आया। आशीष बहुत घबराया हुआ था और रोते-रोते घटना के बारे में बताया। इसके बाद हमने वहां की लोकल पुलिस से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी। यही स्थिति गुरुवार देर शाम तक रही।

हत्या किन परिस्थितियों में, यह जानकारी भी नहीं मिली

मुजीब ने बताया कि हमने भारतीय विदेश मंत्रालय से भी संपर्क किया था, जहां से ईमेल पर पूरी जानकारी भेजने को कहा गया था, लेकिन घटना के 20 घंटे बीतने को हैं, अभी तक कोई जानकारी विदेश मंत्रालय की तरफ से नहीं मिली है। हमें यह भी नहीं पता है कि किन परिस्थितियों में शरीफ की हत्या हुई है। सेंट लुइस की लोकल पुलिस से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। इधर, शरीफ की हत्या की खबर सुनने के बाद वृद्ध मां और पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिवार में अकेला था कमाने वाला

शरीफ के परिवार में उनकी 65 वर्षीय वृद्ध मां के अलावा बड़े भाई, भाभी और उनकी एक बेटी है। शरीफ अभी अपने परिवार में अकेला ही कमाने वाला था। पूरे परिवार का खर्चा अभी शरीफ ही चला रहा था। शरीफ के भाई इंदौर में नौकरी करते थे, लेकिन पिता की तबियत खराब होने के कारण उनका ख्याल रखने नौकरी छोड़कर भोपाल आ गए। इसके बाद से शरीफ ही पूरा खर्च उठा रहा था। हालांकि उनकी मां को भी भेल से पेंशन मिलती है।

छह माह पहले आया था घर

38 साल के मुजीब खान ने नवदुनिया को बताया कि छह माह पहले पिता हबीबुर रहमान का इंतकाल हुआ था। तभी शरीफ घर आया था। अभी उसकी शादी नहीं हुई थी, लेकिन हम लोग उसके लिए लड़की देख रहे थे। उन्होंने बताया कि पापा भेल में थे और हमारी पूरी पढ़ाई-लिखाई भोपाल में ही हुई हैं।

गली में पसरा सन्‍नाटा

न्यू सुभाष नगर की गली, जहां आज सुबह से सन्नाटा पसरा हुआ है। मामला एक होनहार युवा की हत्या का है, लेकिन पता किसी को कुछ नहीं है। बेचैन बड़े भाई फोन पर बात करते हुए घर के अंदर-बाहर आते-जाते रहे, लेकिन मोहल्ले वालों को भी ज्यादा कुछ पता नहीं है। बस इतना मालूम है कि इन गलियों में पला-बड़ा एक होनहार युवा अब नहीं रहा। सबके मन में यही सवाल है कि अपने काम से काम रखने वाला सीधा-साधा शरीफ सात समंदर पार किन परिस्थितियों में हिंसा का शिकार हुआ होगा? मोहल्ले में किराना दुकान चलाने वाले ललित साहू ने बताया कि शरीफ बेहद नेक दिल और सज्जन लड़का था। शरीफ को अमेरिका में ही एक समाजसेवी संस्था की मदद से पोस्टमार्टम के बाद सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

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