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Chaitra Navratri 2021 देवी आराधना ग्रंथों में है संक्रमण निवारण के लिए जप, तप और हवनात्मक अनुष्ठान का विधान

Chaitra Navratri 2021। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार से चैत्र नवरात्र का आरंभ होगा। इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन की रहेगी। वर्तमान में कोरोना संक्रमण महामारी का रूप लेता जा रहा है। संकट की इस घड़ी में घरों में रहकर संक्रमण निवारण के लिए जप, तप व हवनात्मक अनुष्ठान करना श्रेयस्कर है। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार दुर्गा तंत्र, श्रीमद् देवी भागवत में महामारी के विनाश के लिए उपाय बताए गए हैं। भक्तों को इन मंत्रों का जप और देवी दुर्गा की स्तुति करना चाहिए। इससे निश्चित ही लाभ हो सकता है। पं. उमाकांत शुक्ल के अनुसार श्रीमद् देवी भागवत में रोग, शोक, जरा, व्याधि, अपमृत्यु दोष और महामारी को समाप्त करने के लिए अलग-अलग प्रकार से देवी की पूजा व मंत्र जाप के विधान बताए गए हैं। इसमें महामारी विनाश के लिए मंत्र जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोअस्तु ते।। विशेष लाभकारी है। संक्रमण के इस दौर में नौ दिनों में घरों में रहकर देवी दुर्गा व कुलदेवी की साधना-उपासना तथा मंत्रों का जाप करना शुभफल प्रदान करेगा।

दुर्गा सप्तशती में भी मिलता है उल्लेख

ज्योतिर्विद हरिहर पंड्या के अनुसार दुर्गा सप्तशती में महामारी व संकट के निवारण के लिए अमोघ मंत्रों का उल्लेख है। देवता भी संकट की घड़ी में इन्हीं मंत्रों के माध्यम से देवी की स्तुति करते आए हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में इन सिद्ध व प्रभावशाली मंत्रों को सत्यनिष्ठ व एकाग्रचित्त होकर जप किया जाए तो महामारी के संकट निवारण में निश्चित सफलता प्राप्त होगी। सप्तशती के अनुसार देवी प्रसीद प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद, प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य। प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं, त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।। अर्थात शरणागत की पीड़ा दूर करने वाली देवी हम पर प्रसन्न होओ। संपूर्ण जगत की माता प्रसन्न होओ, विश्वेश्वरी विश्व की रक्षा करो। देवी तुम्ही चराचर जगत की अधीश्वरी हो। इसी प्रकार देवी प्रसीद परिपालय नोडरिभीते-र्नित्यं यथा सुखद्याद्धुनैव सद्य:। पापानि सर्व जगतां प्रशमं नयाशु, उत्पातपाकजनितांश्च महोपसर्गान।। का जप करने से भी व्याधि का शमन होगा

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