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एक साल बाद देश में स्थिति और गंभीर, वायरस के नए स्वरूप आए सामने

देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पिछले साल की तुलना में अधिक गंभीर होती जा रही है। पिछले वर्ष जब लाखों भारतीयों ने कोविड योद्धाओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए अपने घरों में बिजली के बल्ब बंद कर दिए थे और मोमबत्ती एवं मिट्टी के दीप जलाए थे तब कई ने संभवत: यह सोचा होगा कि लड़ाई जल्द ही खत्म हो जाएगी, लेकिन तब से एक साल बीत गया है परंतु स्थिति और विकट हो गई है।

देश में सक्रिय मामलों की संख्या लगभग साढ़े छह महीने के बाद फिर से 10 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है, और देश में एक दिन में 794 लोगों की मौत दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल 18 अक्तूबर के बाद से सबसे अधिक हैं।

पिछले साल 10 अप्रैल को लाखों लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश के ‘सामूहिक संकल्प और एकजुटता’ दिखाने की अपील पर प्रतिक्रिया जतायी थी। तब संक्रमितों के कुल मामले 6,761 थे जबकि मृतक संख्या 206 थी।

वहीं, वर्तमान समय की बात करें तो देश में शनिवार को कोविड-19 के 1,45,384 नए मामले सामने आए जिससे देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,32,05,926 हो गई, जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 1,68,436 हो गई है।

10 राज्यों में संक्रमण के 82.82 प्रतिशत मामले
अकेले दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 8,500 नए मामले सामने आए थे जबकि महाराष्ट्र में 58,000 से अधिक नए मामले आए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 10 राज्यों – महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में वर्तमान में प्रतिदिन सामने आने वाले कोविड-19 के मामलों में तेजी देखी जा रही है। मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को सामने आए नए मामलों में से 82.82 प्रतिशत मामले इन्हीं राज्यों से थे।

 

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