वो ही मैदान है जहां कपिल ने रचा था इतिहास
भारतीय महिला क्रिकेट टीम का फाइनल मुकाबला 23 जून को इंग्लैंड के साथ लॉर्ड्स क्रिकेट स्टेडियम में होगा आैर यह वही मैदान है जहां पर कपिल की कप्तानी में भारतीय टीम ने 1983 विश्व कप में वेस्टइंडीज को हराकर इतिहास रचा था। अब एक बार फिर महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज के पास पुराना इतिहास रचने का सुनहरा माैका है। क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी देश की पुरुष आैर महिला क्रिकेट टीम ने किसी एक ही मैदान पर विजयी हासिल कर आईसीसी विश्व कप का खिताब जीता हो। कपिल की कप्तानी में भारत की टीम पहली बार आईसीसी विश्व कप के फाइनल मुकाबले में पहुंची थी। भारत ने टाॅस हारकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लेते हुए 183 रन बनाए। जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 140 रनों पर ढेर हो गई आैर भारत ने यह मुकाबला 43 रन से जीतते हुए पहली बार विश्व कप पर कब्जा किया था।
मिताली की टीम में है इंग्लैंड को हराने की क्षमता
माैजूदा समय में भारत की बल्लेबाजी आैर गेंदबाजी अच्छी फाॅर्म में चल रही हैं, जिसकी बदाैलत मिताली एंड कंपनी इंग्लैंड को हराने में क्षमता रखती है। टूर्मामेंट का पहला मुकाबला भी इन दोनों टीनों के बीच हुआ था जिसमें भारत ने इंग्लैंड को 35 रन से हराकर करारी शिक्शत दी थी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पूनम राउत(86) आैर स्मृति मंदाना(90) की अर्धशतकीय पारियों की बदाैलत 3 विकेट पर 281 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की टीम 47.3 ओवर में 246 रनों पर आॅलआउट हो गई थी। हालांकि इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीम 3 बार आईसीसी महिला विश्व कप का खिताब जीत चुकी हैं, लेकिन माैजूदा प्रदर्शन देखते हुए भारतीय टीम के लिए उनके पुराने रिकाॅर्डस् कुछ मायने नहीं रखते। कप्तान मिताली राज का बल्लाल लगातार रन बरसा रहा है, वहीं हरमनप्रीत काैर ने सेमीफाइनल मुकाबले में आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रनों की नाबाद पारी खेलकर अपनी लय बरकरार रखी है।
नई दिल्ली (खेल डेस्क): आईसीसी महिला विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने 6 बार की चैंपियन आॅस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। यह दूसरा माैका है जब भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने फाइनल में प्रवेश किया हो। इससे पहले साल 2005 में महिला टीम फाइनल में पहुंची थी, पर आॅस्ट्रेलिया ने उन्हें हराकर करोंड़ों भारतीयों की आशाओं पर पानी फेर दिया। लेकिन अब एक बार फिर महिला क्रिकेट टीम के पास फाइनल में इंग्लैंड को हराकर जश्न मनाने का माैका है। अगर भारतीय टीम यहां जीत जाती है तो उनकी इस उपलब्धि के साथ 1983 का वो सुनहरा पल याद आ जाएगा, जब कपिल देव ने पुरुष टीम को विश्व चैंपियन बनाया था।