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एक्टिविस्ट आर्यन उरमलिया के ट्वीट के बाद कलेक्टर ने पानी की व्यवस्था पुनः दुरुस्त करनें का दिया आश्वासन

पन्ना : पन्ना में आदिवासी ग्रामीणों की पानी के लिए जद्दोजहद- रोजाना जंगल में पांच किलोमीटर पैदल चलकर फिर 100 फीट नीचे जाकर पानी लाना पड़ता है

मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व के भीतर बिलहटा, कटाहारी और कोनी गाँवों के सैकड़ों आदिवासी परिवार अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय जल स्रोत झिरिया पर निर्भर हैं।

आदिवासी महिलाएं घने जंगलों से होकर रोजाना कई किलोमीटर का सफर तय करती हैं और झिरिया से पानी लेने के लिए कई फीट नीचे उतरती हैं।

आर्यन उरमलिया के ट्वीट के बाद मामला प्रशासन के संज्ञान में आया वहीं वन अधिकारी बताते हैं कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के चलते इन गाँवों को स्थानांतरित किया जाना है ।

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