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Embryo Indian Citizenship: मां के गर्भ में मौजूद बच्चे को नागरिकता वापस पाने का हक, मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

भारत की नागरिकता

Embryo Indian Citizenship भारत की नागरिकता छोड़ते समय पति-पत्नी अगर माता-पिता बनने जा रहे हों, तो उनसे जन्मा बच्चा वापस भारतीय होने का हकदार है। मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस अनिता सुमंथ ने 22 के हो चुके ऐसे ही एक बच्चे की याचिका स्वीकार कर उसे चार हफ्ते में भारतीय नागरिकता देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय को निर्देश दिए। मंत्रालय ने 2019 में याचिकाकर्ता प्रणव श्रीनिवासन को नागरिकता देने से इनकार कर दिया था।

Embryo Indian Citizenship प्रणव के माता-पिता ने दिसंबर, 1998 में भारत की नागरिकता त्याग दी थी

याचिका के अनुसार, प्रणव के माता-पिता ने दिसंबर, 1998 में भारत की नागरिकता त्याग कर सिंगापुर की नागरिकता ले ली थी। तब मां साढ़े सात महीने की गर्भवती थी। एक मार्च 1999 को प्रणव का जन्म सिंगापुर में हुआ और जन्म की वजह से उसे सिंगापुर की स्वाभाविक नागरिकता मिली। बालिग होने पर प्रणव ने भारतीय नागरिकता वापस लेने का निर्णय किया। इसके लिए मई 2017 को सिंगापुर में भारतीय दूतावास में नागरिकता के लिए आवेदन किया। प्रणव का कहना था कि जब वह गर्भ में था, तब भी भारतीय था।

Embryo Indian Citizenship भ्रूण के तौर पर भारतीयता पा चुका था याची: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा कि भ्रूण के तौर पर प्रणव ने एक बच्चे का दर्जा हासिल कर लिया था। इसके तहत वह अपने माता-पिता की वजह से भारतीय बन चुका था। नागरिकता बाद में बदली। ऐसे में वह नागरिकता नियमावली के तहत वापस भारतीय बनने का पात्र है।

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