HOMEMADHYAPRADESHज्ञान

New education policy: अब 11वीं में विज्ञान का विद्यार्थी कला संकाय का विषय लेकर भी पढ़ सकेगा

अब 11वीं में विज्ञान का विद्यार्थी कला संकाय का विषय लेकर भी पढ़ सकेगा

New education policy कालेजों की तरह अब उच्‍चतर माध्‍यमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी पढ़ाई में विषय चयन को लेकर राहत मिलेगी। अब 11वीं कक्षा के विद्यार्थी एक विषय लेकर अन्य विषय की पढ़ाई भी कर सकेंगे।
मसलन, गणित के साथ इतिहास, अर्थशास्त्र या संगीत तो विज्ञान के साथ कला संकाय की पढ़ाई कर सकते हैं। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है। इसके तहत स्कूलों के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए गए हैं। सत्र 2022-23 से हायर सेकंडरी कक्षाओं में बहु-संकाय प्रक्रिया लागू की जाएगी। सबसे पहले इसे ग्यारहवीं कक्षा में इस सत्र से लागू किया जाएगा। इसके बाद बारहवीं में अगले सत्र से यह लागू होगा।
माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दसवीं से बारहवीं कक्षा तक की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। इस प्रस्‍ताव को शासन से अनुमति के लिए भेजा गया है। शासन से मंजूरी मिलते ही इस सत्र से बहु-संकाय आधार पर ग्यारहवीं कक्षा में विद्यार्थियों को प्रवेश दिए जाएंगे। इसमें कौशल विकास पर आधारित मुख्य पाठ्यक्रम में शामिल होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन कौशल से जोड़ना है। अभी तक कला, संगीत, क्राफ्ट, खेल, योग आदि को सहायक पाठ्यक्रम या अतिरिक्त पाठ्यक्रम एक्टिवटी के तौर पर पढ़ते आए हैं। अब ये मुख्य पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। बता दें कि पहले कक्षा एक से दसवीं तक सामान्य पढ़ाई होती थी। ग्यारहवीं कक्षा में विषय चयन करने की आजादी होती थी, लेकिन अब ग्यारहवीं से ही विद्यार्थी बहु-संकाय के विषय का चयन कर सकते हैं।
10वीं में 19 और 12वीं में 39 व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल होंगे
राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत पुराने पाठ्यक्रमों को समाप्त कर नए व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू होंगे। इसमें दोनों कक्षाओं में अधिक विषय शामिल होंगे। अभी तक 10वीं में छह पाठ्यक्रम चल रहे थे, जो अब 19 होंगे। इसी तरह 12वीं में पांच के बदले 39 कोर्स लागू होंगे। इसमें बैंकिंग एंड अकाउंटिंग, आटोमोटिव सर्विसेस, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स, टेक्सटाइल डिजाइन टेक्नोलाजी, फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलाजी, रियल सेल्स एसोसिएट्स, ज्वेलरी डिजाइनिंग, वेब डिजाइनिंग, एग्रीकल्चर, ट्रैवल एंड टूरिज्म, हेल्थ केयर सहित अन्य कोर्स शामिल होंगे।
तीसरे विषय में क्षेत्रीय और विदेशी भाषा भी शामिल
अभी तक हिंदी, अंग्रेजी के साथ तीसरे विषय के रूप में संस्कृत चुनने का विकल्प था। नई श्ािक्षा नीति में अब तीसरे विषय के रूप में क्षेत्रीय भाषा कन्नाड़, तमिल, मलयालम या विदेशी भाषा जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश चुनने का विकल्प रहेगा।
पांच विषय ही लेना होंगे
ग्यारहवीं कक्षा में पांच विषय लेना होते हैं, लेकिन अब इसके ग्रुप बनाए गए हैं। इसमें तीन मुख्य विषय होंगे और भाषा के पेपर के साथ एक ऐच्छिक विषय लेना होगा।
दसवीं के विद्यार्थी का होगा आत्ममूल्यांकन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दसवीं के विद्यार्थियों का संपूर्ण आत्ममूल्यांकन होगा। जिसके आधार पर उनके रिपोर्ट कार्ड में बदलाव होगा। इसके तहत उनका तीन स्तर पर आकलन किया जाएगा। एक स्वयं विद्यार्थी करेगा, दूसरा उसका दोस्त करेगा और तीसरा उसके शिक्षक करेंगे। इसमें विद्यार्थी खुद को 25 फीसद अंक देंगे या दोस्त या शिक्षक से मिलेंगे।
Show More

Related Articles

Back to top button