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Dengue in Bhopal: डेंगू का बढ़ता प्रकोप… हर तीसरा सैंपल मिल रहा पाजिटिव, इसके बावजूद नहीं किया जा रहा फीवर सर्वे

शहर में हर तीसरे-चौथे घर में बुखार का मरीज है। कुछ तो जांच करा रहे हैं, जबकि ज्यादातर वायरल फीवर समझकर लापरवाही कर रहे हैं। 2014 में डेंगू के मामले भोपाल में बढ़े थे तो स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण ने भोपाल समेत प्रदेशभर में फीवर सर्वे शुरू कराया था। आशा कार्यकर्ता सर्वे कर बुखार वाले मरीज को जांच के लिए अस्पताल भेजती थीं। अब शहर में डेंगू की जांच कराने वाला हर तीसरा मरीज पाजिटिव आ रहा है। सितंबर में 300 सैंपल की जांच में 96 मरीज मिल चुके हैं।

भोपाल के सीएमएचओ डा. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि अगस्त में जांचे गए सैंपलों में संक्रमण दर सात फीसद रही। उन्होंने कहा सितंबर में मरीजों की संख्या और संक्रमण दर दोनों ज्यादा रहती है। डा. तिवारी ने बताया कि जिन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिलते हैं वहां शिविर लगाकर मलेरिया की जांच के लिए स्लाइड बनाए जाते हैं। डेंगू की जांच के लिए भी सैंपल लिए जाते हैं। भोपाल में एम्स, जेपी अस्पताल, हमीदिया, बैरागढ़ सिविल अस्पताल और बीएमएचआरसी में डेंगू का एलाइजा टेस्ट किया जाता है। उन्होंने कहा कि कई अस्पताल रैपिड किट से जांच के आधार पर डेंगू का इलाज कर रहे हैं, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तय गाइडलाइन के अनुसार एलाइजा पाजिटिव आने पर ही व्यक्ति को डेंगू संक्रमित माना जाता है।

फीवर सर्वे का यह होगा फायदा

फीवर सर्वे का फायदा यह होता है कि मरीज की पहचान जल्दी हो जाती है, जिससे दूसरों तक संक्रमण नहीं पहुंच पाता। दूसरी बात यह कि जल्दी पहचान होने से मरीज की हालत भी नहीं बिगड़ती। डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर 400 मीटर तक उड़ सकता है। ऐसे में जितनी जल्दी मरीज की पहचान उसके और आसपास के घरों में लार्वा सर्वे किया जाए उतना बेहतर होता है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इस साल मरीज गंभीर स्थिति में नहीं पहुंच रहे हैं। जिले में एक भी मरीज की मौत भी नहीं हुई है।

इस महीने किस क्षेत्र में कितने मरीज मिले

विजय नगर, हलालपुर व पंचवटी– 15

बागसेवनिया, अमराई बस्ती–10

निजामुद्दीन कालोनी– 9

साकेत नगर–8

गोविंदपुरा–6

बरखेड़ा पठानी- 4

अवधपुरी–4

अरेरा कालोनी-4

बागमुगालिया– 3

खानूगांव -3

इस साल अब तक मिले मरीज

माह– डेंगू-चिकनगुनिया

जनवरी –1–0

फरवरी –3–0

मार्च–9–1

अप्रैल –2–0

मई –2–1

जून –3–1

जुलाई –10–2

अगस्त –56–18

सितंबर–96 –29

कुल –181–52

जहां भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उन क्षेत्रों फीवर सर्वे भी किया जा रहा है। मलेरिया और डेंगू की जांच के लिए शिविर भी लगाया जाता है। प्रदेश में करीब 20 फीसद सैंपल पाजिटिव आए हैं। हर साल लगभग यही स्थिति रहती है। जिन्हें बुखार के साथ डेंगू के लक्षण रहते हैं, उनकी जांच की जाती है। प्रदेश में 57 लैब में जांच की जा रही है।

-डा.हिमांशु जायसवार, उप संचालक, स्वास्थ्य

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