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Divyang candidate Sushila Kaul: बीजेपी ने जताया भरोसा तो दिव्यांग सुशीला ने रच दिया इतिहास, दर्ज की शानदार जीत

BJP ने जताया भरोसा तो दिव्यांग सुशीला ने रच दिया इतिहास, दर्ज की शानदार जीत

Divyang candidate Sushila Kaul नगर निगम चुनाव में पूरे देश की सुर्खियां बनीं BJP की कैंडिडेट सुशीला कोल वार्ड नम्बर 27 से पार्षद का चुनाव जीत गई हैं। यह सुनकर आप जरूर सोच रहे होंगे कि इसमें खासबात क्या है, चुनाव तो 45 वार्डों में हुए किसी न किसी ने जीत दर्ज की, लेकिन आपको बता दें कि भाजपा की यह पार्षद प्रत्याशी दिव्यांग थीं जिन्हें पार्टी ने मदनमोहन चौबे वार्ड 27 से पार्षद की टिकट दी। यह बात जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सुनी तो उन्होंने न सिर्फ सुशीला का सम्मान किया वरन पार्टी के इस निर्णय की पूरे प्रदेश में मिशाल भी दी।

Divyang candidate Sushila Kaul: बीजेपी ने जताया भरोसा तो दिव्यांग सुशीला ने रच दिया इतिहास, दर्ज की शानदार जीत

बैसाखी के सहारे सम्भवतः पूरे प्रदेश में यह इकलौती प्रत्याशी थीं जो अपने हौसले के दम पर प्रचार में जी जान से जुटी रहीं भाजपा ने जब इस कार्यकर्ता पर भरोसा जताया तो जनता ने भी अपने मत का भरोसा सुशीला को प्रदान क़िया।

इस तरह BJP ने जताया भरोसा तो दिव्यांग सुशीला ने रच दिया इतिहास, दर्ज की शानदार जीत।

 

कटनी जिले में एक दिव्यांग महिला सुशीला कोल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। कटनी नगर निगम के वार्ड 27 से उम्मीदवार सुशीला कोल आदिवासी समाज से ताल्लुक रखती है। सुशीला एक मिसाल है उन लोगो के लिए जो अपंगता को अभिशाप समझते है। चलने के भले ही वो बैशाखी का सहारा लेती हो लेकिन हिम्मत और हौसले के लिए उन्हे किसी बैशाखी की जरूरत नही है।

सुशीला के इसी हौंसले को सम्मान करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें  मंच पर बुलाया और उसके जज्बात को सलाम करते हुये मंच पर उसका सम्मान किया। भाजपा ने उन्हें नगर निगम चुनाव में वार्ड 27 से अपना उम्मीदवार बनाया है। 44 साल की सुशीला कोल 12वीं क्लास तक शिक्षित है, लेकिन बस्ती के गरीब बच्चो को निशुल्क ट्यूशन देती है।
परिवार मजदूरी करता है 2004 मे पिता जी की कैंसर से मौत हो गई परिवार पर संकट आ गया लेकिन सुशीला ने हार नही मानी समाज सेवा और लोगों की भलाई को ही जीवन का लक्ष्य बना लिया। कोई भी चुनाव हो बीजेपी हो कांग्रेस ऐसे उम्मीदवार को चुनाव में उतारती है जिसकी जीतने की गारंटी हो लेकिन जब ऐसी तस्वीरे सामने आती है तो लगता है मेहनत और हौसले के आगे सियासी दावपेच बौने साबित हो जाते है।
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