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20 जून को वक्री हो रहें हैं बृहस्पति, राशियों पर पड़ेंगें ये प्रभाव

Astrology: देवगुरु कहे जाने वाले बृहस्पति 20 जून को रात 8.34 बजे वक्री हो रहे हैं। बृहस्पति का वक्रत्वकाल 18 अक्टूबर तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में किसी सौम्य ग्रह के वक्रत्वकाल का शुभ प्रभाव बताया गया है। ज्योतिषियों के अनुसार देवगुरु के वक्री होते ही आर्थिक उन्नाति के द्वार खुलेंगे, व्यापार व्यवसाय बढ़ेगा, विभिन्ना राशि के जातकों को लाभ प्राप्त होगा। आने वाले चार माह सुख, शांति व समृद्धि से संपन्ना रहेंगे लेकिन संक्रमण से सावधानी रखना अनिवार्य है।

ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया शास्त्रीय गणना के अनुसार जब भी कोई ग्रह वक्री या मार्गी होते हैं, तो उसके अच्छे या बुरे प्रभाव प्रकृति व समाज पर दिखाई देते हैं। साथ ही उक्त ग्रह का शारीरिक दृष्टिकोण से रोग दोष आदि का भी विचार किया जाता है।

ज्योतिष व धर्मशास्त्र की मान्यता से देखें तो 20 जून को बृहस्पति का वक्री होना हर प्रकार से शुभफल प्रदान करेगा। इस दौरान आमजन सुख का अनुभव करेंगे। व्यापार व्यवसाय में प्रगति तथा आर्थिक उन्नाति होगी। हालांकि आरोग्यता के लिए सावधानी रखना अनिवार्य है। अगर इन चार माह में सावधानी रखी तो आने वाले समय में संभावित परेशानियों को टाला जा सकता है।

शासन तंत्र में मुस्तैदी बढ़ेगी

बृहस्पति कुंभ राशि पर वक्री होने जा रहे हैं। कुंभ राशि के अधिपति शनिदेव हैं। इससे शनि व गुरु का राशि संबंध बनेगा। शनि शासनतंत्र व न्याय के देवता हैं। इस दृष्टि से आने वाले समय में न्यायतंत्र व शासकीय गतिविधियों में सुदृढ़ता आएगी। इसका प्रभाव व्यवस्था में दिखाई देगा।

इन राशि पर ऐसा रहेगा प्रभाव

-मेष-आर्थिक समस्याओं का निराकरण होगा।

-वृषभ-आकस्मिक लाभ के संकेत हैं प्रयास करें।

-मिथुन-किसी बड़ी समस्या का निराकरण होगा।

-कर्क-शत्रुओं से सावधान रहकर आगे बढ़ना होगा।

-सिंह-पुराने धन की प्राप्ति का योग बन रहा है।

-कन्या-मित्र के सहयोग से समस्या का समाधान होगा।

-तुला-संतान पक्ष की तरफ से शुभ समाचार मिलेगा।

-वृश्चिक-भाग्योन्ना्‌ती होगी,किसी प्रस्ताव पर कार्य करेंगे।

-धनु-धन तथा प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी, नए अनुबंध होंगे।

 

-मकर-मिली जुली परिस्थितियां दुविधा उत्पन्ना्‌ करेगी।

-कुंभ-कोई बड़ा अथवा मांगलिक कार्य होने से प्रसन्नाता होगी।

-मीन-व्याधि से छुटकारा मिलेगा, जीवन को बेहतर अनुभव करेंगे।

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