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Katni Stone Art: शिल्पकारों द्वारा उकेरी गई ऐतिहासिक कलाकृतियां अब प्रदेश की राजधानी की शोभा बढ़ा रही

भोपाल में नवनिर्मित रवीन्द्र सभागम परिसर में स्टोन आर्ट फेस्टिवल आधारशिला के दौरान शिल्पकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों में से छह कलाकृतियों को स्थापित किया गया है

Katni Stone Art: कटनी स्टोन पर कटनी में स्टोन आर्ट फेस्टिवल आधारशिला के दौरान देश के जाने-माने शिल्पकारों द्वारा उकेरी गई ऐतिहासिक कलाकृतियां अब प्रदेश की राजधानी की शोभा बढ़ा रही हैं। भोपाल में नवनिर्मित रवीन्द्र सभागम परिसर में स्टोन आर्ट फेस्टिवल आधारशिला के दौरान शिल्पकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों में से छह कलाकृतियों को स्थापित किया गया है। यहां पर कटनी स्टोन पर बनी यह कलाकृतियां लोगों के आकर्षण का केन्द्र हैं।

Katni Stone Art: शिल्पकारों द्वारा उकेरी गई ऐतिहासिक कलाकृतियां अब प्रदेश की राजधानी की शोभा बढ़ा रही

सरकार की महत्वपूर्ण योजना “एक जिला-एक उत्पाद” के तहत कटनी स्टोन का कटनी जिले में चयन किया गया है। जिसके चलते कटनी स्टोन को प्रमोट करने के लिए जिला प्रशासन ने गत वर्ष 9 नवंबर से 28 नवंबर तक कटनी स्टोन आर्ट फेस्टिवल “आधारशिला” का आयोजन जागृति पार्क कटनी में किया था। जिसमें देशभर के शिल्पकारों ने कटनी स्टोन पर अपनी शिल्पकला के हुनर का प्रदर्शन किया था और ऐतिहासिक कलाकृतियों का निर्माण किया था।

महान दार्शनिक गार्गी के साथ लक्ष्मी का प्रतीक कौड़ी भी बढ़ा रही शोभा

राजधानी के रवीन्द्र सभागम परिसर में आधारशिला में जबलपुर की शिल्पकार सुप्रिया अंबर द्वारा बनाई गई वैदिक काल की महान दार्शनिक गार्गी वाचकन्वी कलाकृति भी शोभा बढ़ा रही है। अंबर ने आधारशिला के दौरान फीमेल इंडियन फ्लासिफी के रूप में पहला कल्चर अपनी शिल्पकला के माध्यम से उकेरा था। इसी तरह से इंदौर के शिल्पकार जगदीश वेगढ़ ने कटनी के पीले स्टोन पर मां लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाने वाली विशाल कौड़ी का निर्माण किया था, जो परिसर में लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इसके अलावा तमिलनाडू के शिल्पकार डीवी मुरूगन की कल्चर एंड हेरीटेज पर आधारित शिल्प, हंसराज कुमावत की विदइन शिल्प, रवि कुमार की प्यूरिटी ऑफ रीलेशनशिप, रमनदीप की माइंडस्कैप 2 कलाकृति भी परिसर में स्थापित की गई है।

शिल्पकारों ने किया था हुनर का प्रदर्शन

कटनी स्टोन आर्ट फेस्टिवल के दौरान शिल्पकार रमनदीप सिंह, मनदीप खैरा मनसा पंजाब, प्रदीप बी जोगडांड मुंबई, हरपाल सिरसा हरियाणा, विनय अंबर जबलपुर, रमेश चंद्रा, रवि कुमार, नीरज विश्वकर्मा उत्तरप्रदेश, योगेश के प्रजापति नई दिल्ली, हंसराज कुमावत जयपुर, डीवी मुरूगन तमिलनाडू, सुप्रिया अंबर जबलपुर, जगदीश वेगड़ इंदौर ने कटनी स्टोन पर अपनी शिल्प का प्रदर्शन किया था। विदेशों तक में है, कटनी स्टोन की डिमांड कटनी के सेंड स्टोन की प्रदेश स्तर पर ही नहीं बल्कि हिन्दुस्तान के बड़े शहरों सहित विदेशों में भी विशेष डिमांड है। देशभर के बड़े-बड़े शहरों के भवनों, चौराहों, पार्कों, धार्मिक स्थलों की कटनी स्टोन की कलाकृतियां शोभा बढ़ा रही हैं, तो वहीं यूरोपीय देशों में कटनी स्टोन के टाइल्स आदि की डिमांड भी अधिक है। मुलायम होने और कई रंगों में पाए जाने के कारण शिल्पकारों को कटनी का स्टोन बेहद पसंद आ रहा है और यही कारण है कि कटनी स्टोन को जिला प्रशासन ने एक जिला एक उत्पाद में चयनित किया है और आधारशिला के माध्यम से कटनी स्टोन को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है।

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