HOMEMADHYAPRADESH

मध्यप्रदेश से 18 राप्रसे अधिकारी IAS बने

मध्यप्रदेश से 18 राप्रसे अधिकारी IAS बने


भोपाल। प्रदेश में इस बार 18 राज्य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के अफसर आईएएस संवर्ग में पदोन्न्त होंगे। इसके लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। पदोन्‍नति के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक मार्च-अप्रैल में हो सकती है। इस बार भी गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आईएएस बनने का मौका नहीं मिलेगा क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य सरकार इनके लिए पद आरक्षित करने पर सहमत नहीं हुई है।

सूत्रों के मुताबिक 2015-16 में चार गैर प्रशासनिक सेवा के अफसरों को आईएएस बनने का मौका मिला था। इसके बाद से ही सभी पद राज्य प्रशासनिक सेवा के हिस्से में आते रहे हैं। इस बार गैर राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग को भी आईएएस संवर्ग में आने का मौका मिले, इसके लिए कोशिशें हुई थी।
सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने प्रमुख सचिव कार्मिक दीप्ति गौड़ मुकर्जी को पत्र लिखकर नियमानुसार पद आरक्षित करने के निर्देश दिए थे। मामला मुख्य सचिव से होता हुआ मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंचा था।
बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती भी चार पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा को देने के लिए सहमत थे लेकिन अन्य अधिकारियों का कहना था कि विशेष परिस्थितियों में ही गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए पद रखे जा सकते हैं और ऐसी स्थिति नहीं है। इस मुद्दे पर दोनों संवर्ग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी।
उन्होंने सभी 18 पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय भेजा था, जिसे पिछले सप्ताह मंजूरी मिल गई है। अब विभाग एक पद के विरुद्ध तीन अधिकारियों के हिसाब से 54 अधिकारियों का रिकॉर्ड (विभागीय जांच, गोपनीय चरित्रावली, विजलेंस क्लीयरेंस सहित अन्य जानकारियां) तैयार होगा। बताया जा रहा है कि मार्च-अप्रैल में संघ लोकसेवा आयोग के माध्यम से विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक हो सकती है।

निगम, परमार, ओगरे भी बनेंगे आईएएस

सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठता के मामले को लेकर सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे विनय निगम, अरुण परमार, राजेश ओगरे, भारती ओगरे, विवेक श्रोत्रिय और वरदमूर्ति मिश्रा भी पदोन्‍नति की पात्रता में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे प्रकरण पदोन्नति में आड़े नहीं आएगा। यदि कोर्ट से इनके पक्ष में निर्णय आ जाता है तो वरिष्ठता नए सिरे से निर्धारित हो जाएगी।

केंद्र ने प्रस्ताव कर लिया है मंजूर: मुकर्जी

प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन ‘कार्मिक” दीप्ति गौड़ मुकर्जी का कहना है कि प्रस्ताव को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। अब विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक के लिए तैयारियां की जाएंगी।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button