HOMEKATNIMADHYAPRADESH

पोषक तत्व मिट्टी परीक्षण एवं पंचगव्य का प्रशिक्षण दिया गया

कटनी। मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों को शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कटनी में जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है यह प्रशिक्षण प्राचार्य डॉक्टर सुधीर खरे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर व्ही के द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया जा रहा है।

फसलों के लिए आवश्यक 17 प्रकार के पोषक तत्वों की जानकारी दी गई रासायनिक खाद मैं दो या तीन तत्व होते हैं जैविक खादों में सभी पोषक तत्व होते हैं। मिट्टी परीक्षण के लिए गर्मी में गेहूं की कटाई के बाद खेत से प्रति हेक्टर 10 से 15 स्थान से मिट्टी नमूना लेकर बतलाई गई विधि से 500 ग्राम मिट्टी को नमूना पत्र के साथ मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भेजने तथा परिणाम पत्रक में दी गई सिफारिश के अनुसार फसलों में खाद देने की तकनीकी जानकारी दी गई मिट्टी परीक्षण से पीएच मान जैविक कार्बन विद्युत चालकता अम्लीयता छारीयता नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश भूमि में उपलब्धता की जानकारी प्राप्त होती है।

शीघ्र खादों के अंतर्गत मटका खाद जीवामृत संजीवन बीजामृत एवं पंचगव्य बनाने की विधि तथा फसलों में उपयोग करने की तकनीकी जानकारी दी गई। पंचगव्य बनाने के लिए गाय का गोबर गोमूत्र दूध दही घी की निर्धारित मात्रा को एक प्लास्टिक के ड्रम में 15 दिन तक रखकर दिन में दो बार डंडे से हिलाते हैं। इसके तीन प्रतिशत घोल से बीज जड़ एवं कंद उपचार फल पेड़ एवं पौधों तथा फसल पर छिड़काव बीज भंडारण एवं सिंचाई पानी के साथ खेत में प्रवाहित करके फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए उपयोग करते हैं।

प्रायोगिक कार्य के अंतर्गत विद्यार्थियों से पौधों में केंचुआ खाद डलवाया गया तथा टपक सिंचाई पद्धति का अवलोकन एवं उपयोग की जानकारी प्राचार्य डॉक्टर सुधीर कुमार खरे एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ व्ही के द्विवेदी की उपस्थिति में प्रायोगिक कार्य करवाया गया।

Show More

Related Articles

Back to top button