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आज होगा साल का सबसे छोटा दिन, दक्षिण-पश्चिमी आकाश में दिखेगा गुरु-शनि का महामिलन

21 दिसंबर साल की विदाई बेला में सोमवार को सबसे छोटी अवधि के दिन खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी घटना होने जा जा रही है। 21 दिसंबर को साल की सबसे लंबी रात की शुरुआत होते ही सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर (गुरु) और वलय-युक्‍त विशालकाय ग्रह सेटर्न (शनि) आसमान में एक-दूसरे में समाए से दिखेंगे। सूर्य की परिक्रमा करते हुए लगभग 20 साल में ये दोनों समीप तो आते दिखते हैं, लेकिन इतनी अधिक नजदीकियां सन 1226 को दिखाई देने तथा 1623 में घटित होने के बाद 2020 में 21 दिसंबर को ही दिख पाएंगी। 1623 में यह घटना सूर्य की उपस्थिति के कारण देखी नहीं जा सकी थी। नेशनल पुरस्‍कार प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि ग्रेट कंजक्शन की इस घटना के समय बृहस्‍पति की पृथ्वी से दूरी लगभग 5.924 एस्टोनॉमिकल यूनिट तो शनि की दूरी 10.825 एस्टोनॉमिकल यूनिट होगी। दोनों ग्रह इस तरह मिलते जरूर दिखेंगे, लेकिन ये ग्रह वास्तव में एक दूसरे से 73 करोड़ किमी (733860864 किमी) से अधिक दूरी पर होंगे।

खुले स्थान से दिखाई देंगे

सारिका ने बताया कि शाम पांच बजे के आसपास किसी बड़ी इमारत से दूर खुले स्थान पर पहुंच जाएं, जहां से दक्षिण-पश्चिम में डूबता सूर्य दिख रहा हो। यह वही स्थान होगा, जहां कुछ देर बाद आप इस महामिलन को देख पाएंगे। अंधेरा होते ही आप उस स्थान पर जहां कि सूर्य था ग्रहों की जोड़ी को देखेंगे, जिसमें ज्यादा चमकता ग्रह जुपिटर होगा। इसके बाएं ओर कुछ ऊपर शनि होगा। सारिका ने कहा कि अगर आपके पास कोई अच्‍छा बाइनाकुलर या टेलिस्कोप है, तो आप गुरु के चार बड़े चंद्रमा और शनि के वलय को भी देख पाएंगे। तो चूकिए मत, 21 दिसंबर की शाम निहारिए आकाश की ओर और देखिए दो ग्रहों के इस महामिलन को, क्योंकि अब इतनी नजदीकी के लिए 15 मार्च 2080 का इंतजार करना होगा।

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