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आपको भी नहीं लग पा रहा वैक्सीन का दूसरा डोज? तो चिंता नहीं, पढ़िए पूरी खबर

वैक्सीन की कमी से कई लोगों को दूसरा डोज समय पर नहीं लग पा रहा है। इस वजह से लोग काफी परेशान हो रहे हैं।

देश में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है। अब 18 साल से ज्यादा उम्र के हर इंसान को वैक्सीन लग रही है। इस बीच वैक्सीन की कमी से कई लोगों को दूसरा डोज समय पर नहीं लग पा रहा है। इस वजह से लोग काफी परेशान हो रहे हैं। इस मामले पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाने वाले लोगों को अगर दूसरा डोज देरी से लगता है तो इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है। देरी के बावजूद वैक्सीन का दूसरा डोज पहले की तरह ही प्रभावी रहेगा

कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगने के 4 से 6 हफ्ते बाद दूसरा डोज लगाया जाता है। देश में वैक्सीन की कमी अभी भी बनी हुई है। इस वजह से कई लोगों को पहला डोज लगने के बाद दूसरा डोज समय पर नहीं लग पाया है। इसके बाद लोगों के अंदर संशय है कि अब उन्हें वैक्सीनेशन फिर से शुरू कराना होगा और दोनों डोज समय पर लगवाने होंगे। वहीं, एक्सपर्ट इस बात से इंकार कर रहे हैं। अकेले महाराष्ट्र में ही 5 लाख ऐसे लोग हैं, जिन्हें कोवैक्सीन का पहला टीका लग चुका है और समय पर दूसरा टीका नहीं लग पाया है।

8 से 10 हफ्ते बाद भी लगवा सकते हैं दूसरा डोज

आईसीएमआर के डॉक्टर एनके अरोरा का कहना है कि अगर कोवीशील्ड या कोवैक्सीन का पहला डोज लगवाने के 8 से 10 हफ्ते बाद भी आप दूसरा डोज लगवाते हैं तो वैक्सीन आपके शरीर पर पहले की तरह ही काम करेगी और कोरोना से आपके शरीर को पूरी तरह से बचाएगी। इन लोगों को फिर से वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने की जरूरत नहीं है।

डॉक्टर विनीता बल का कहना है कि वैक्सीन के पहले डोज को और प्रभावी बनाने के लिए दूसरा डोज दिया जा रहा है। इससे शरीर में बेहतर एंडीबॉडी बनती हैं और उनकी संख्या भी ज्यादा हो जाती है। हालांकि, बुजुर्ग लोगों को भीड़ में शामिल होकर वैक्सीन लगवाने से बचना चाहिए। क्योंकि, ऐसे हालातों में कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि ट्रायल के दौरान जिन लोगों के अंदर कोवीशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी उनके अंदर 4 से 5 महीने बाद वैक्सीन का प्रभाव कम होने लगा था। कई मामलों में 12 हफ्ते बाद दूसरा डोज लगाया गया था, लेकिन यहां भी वैक्सीन का असर संतोषजनक था।

 

कोवीशील्ड के पहले डोज से ही 80 फीसदी मरीज सुरक्षित

 

 

लंदन में की गई रिसर्च में भी यह सामने आया है कि कोवीशील्ड का पहला डोज लगने के बाद 80 फीसदी लोगों में कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं, जबकि 65 फीसदी लोगों में कोरोना के सामान्य लक्षण भी नहीं दिखे हैं। इनके अलावा भी कई डॉक्टरों ने यह स्पष्ट किया है कि 8 से 12 हफ्तों बाद भी कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाया जा सकता है। अगर आपको पहला टीका लगवाने के बाद कोरोना हुआ है और ठीक होने में महीने भर का समय लगा है तो भी पूरी तरह से ठीक होने के बाद आपको वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाना चाहिए।

 

वैक्सीन की दूसरी डोज लगने से कम होगा मौंत का आंकड़ा

 

 

आईसीएमआर के डॉक्टर एनके अरोरा के अनुसार कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगने के बाद कोरोना का खतरा न के बराबर रहता है। वैक्सीन लगने के बाद भी आपको कोरोना हो सकता है, लेकिन संक्रमण की गंभीरता कम हो जाएगी। दोनों डोज लेने के बाद 70 फीसदी लोग ऐसे होंगे जो यदि संक्रमित हो भी गए तो उन्हें पता ही नहीं चलेगा कि उन्हें कोरोना हुआ था। 30 प्रतिशत में कोरोना के लक्षण आएंगे। लेकिन, वे सीरियस नहीं होंगे। न ही वायरस का संक्रमण सीवियर होगा। इससे कोरोना की वजह से होने वाली मौतों की संख्या न के बराबर ही होगी।

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