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Selling government bank: बिक रहा सरकारी बैंक, आप भी लगा सकते हैं बोली

Selling government bank कितनी है सरकार की हिस्सेदारी

Selling government bank आपको बता दें कि केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मई, 2021 में आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक विनिवेश और प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।

सरकारी क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक की बिक्री की प्रक्रिया अब तेज हो गई है। दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बताया है कि विभाग आशय पत्र (ईओआई) पर काम कर रहा है और जल्द ही बैंक के निजीकरण के लिए निवेशकों से शुरुआती बोलियां आमंत्रित करेगा।

अपनी तरह का पहला लेन-देन

उन्होंने कहा, ‘‘हम काफी समय से इसपर काम कर रहे हैं। यह अपनी तरह का पहला लेन-देन भी है जहां बोली के माध्यम से हम एक बैंक का निजीकरण करेंगे। सरकार और एलआईसी दोनों की आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी है।’’

सचिव ने कहा कि वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के बाद बैंक करीब चार बाद त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे से बाहर आया है। आरबीआई ने मार्च, 2021 में बेहतर वित्तीय प्रदर्शन पर लगभग चार साल बाद आईडीबीआई बैंक को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचे से हटा दिया था।

Selling government bank : कितनी है सरकार की हिस्सेदारी

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मई, 2021 में आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक विनिवेश और प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। वर्तमान में बैंक में सरकार की 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एलआईसी वर्तमान में बैंक का प्रवर्तक भी है।

विनिवेश का लक्ष्य:

सरकार ने 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने पहले ही 24,544 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं, जिसमें से अधिकांश योगदान इस साल मई में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी को सूचीबद्ध करके जुटाया गया है।

 

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