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Russia-Ukraine War रूस को लेकर भारत के रुख से नाराज है US! बाइडेन ने कही बड़ी बात

Russia-Ukraine War रूस को लेकर भारत के रुख से नाराज है US! बाइडेन ने कही बड़ी बात

Russia-Ukraine War में भारत के रुख से अमेरिका नाराज है और यह जो बाइडेन (Joe Biden) के बयान से साफ नजर आता है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है क‍ि भारत, अमेरिका के प्रमुख सहयोगियों में अपवाद है और यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस को दंडित करने वाले पश्चिमी प्रतिबंधों पर कुछ हद तक अस्थिर रहा है. बता दें कि भारत ने इस मुद्दे पर अब तक बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. वो रूस की आलोचना से बचता रहा है.

जापान और ऑस्ट्रेलिया की तारीफ

यूएस बिजनेस लीडर्स की बैठक को संबोधित करते हुए जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा कि क्वाड सहयोगियों (Quad Countries) में संभावित अपवाद के साथ भारत इसमें से कुछ अस्थिर है, लेकिन जापान और ऑस्ट्रेलिया बेहद मजबूत रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि NATO इससे पहले कभी भी इतना ताकतवार और एकजुट नहीं रहा जितना आज है.

ये भी पढ़ें -क्या होगा रूस का अगला कदम? पुतिन का दिमाग पढ़ने को बेताब हैं पश्चिमी देशों के जासूस

Biden ने Putin को लेकर कही ये बात

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन ने यह अनुमान नहीं लगाया होगा कि यूक्रेन पर उनके आक्रमण की वैश्विक प्रतिक्रिया में नाटो और पश्चिमी सहयोगी इस कदर साथ आ जाएंगे. रूस ने जो किया है, उसकी सजा उसे भुगतनी पड़ेगी. गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में आयोजित वर्चुअल क्वाड सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूएस के लीडर्स ने रूस के आक्रमण की निंदा की थी. जबकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की आवश्यकता को दोहराया था.

India ने नहीं की है हमले की निंदा

भारत क्वाड का एकमात्र सदस्य देश है, जिसने रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है. भारत को छोड़कर क्वाड के सभी सदस्य देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. इतना ही नहीं, भारत ने यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र में महत्वपूर्ण वोटिंग में भी भाग नहीं लिया था. उसने केवल हिंसा की तत्काल समाप्ति और बातचीत की वापसी का आह्वान किया है.

भारत से यह चाहता है अमेरिका

रूस को सबक सिखाने के लिए अमेरिका सहित तमाम देशों ने उस पर प्रतिबंध लगाए हैं. यूएस चाहता है कि सभी देश उन प्रतिबंधों का समर्थन करें. अमेरिकी राष्ट्रपति यह भी चाहते हैं कि भारत खुलकर इस मद्दे पर बोले और रूस की आलोचना करे. हालांकि, भारत अपने रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसा करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा. यही बात अब बाइडेन को अखर रही है.

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