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Russia Ukraine Crisis क्रूड आयल भी होगा महंगा, Sensex 1000 अंक टूटा, यूक्रेन का बंटवारा, पढ़िए आपातकालीन UNSC में भारत का बयान

भारतीय शेयर बाजार जोरदार गिरावट के साथ खुला। इस कारण से अब तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है।

Russia Ukraine Crisis Sensex । रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण दुनियाभर शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार जोरदार गिरावट के साथ खुला। इस कारण से अब तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। शेयर बाजार दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को खुलते ही धड़ाम हो गया। दोनों सूचकांकों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE ) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1024 अंक टूटकर 57 हजार से नीचे आ गया और 56,659 के स्तर पर खुला, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी सूचकांक ने 299 अंक फिसलकर 17 हजार के नीचे आ गया। खबर लिखे जाने तक निफ्टी 16,907 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।

इन कंपनियों के शेयर में गिरावट

बाजार खुलने के साथ ही करीब 254 शेयरों में तेजी आई लेकिन 1932 शेयरों में गिरावट आई और 48 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। आज बाजार खुलते ही डॉ रेड्डीज लैब्स, एलएंडटी, एशियन पेंट्स, टीसीएस और यूपीएल निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में से थे, जबकि केवल ONGC लाभ में दिख रहा था। सोमवार को सेंसेक्स जहां 149 अंक फिसलकर 57,683 के स्तर पर बंद हुआ था, वहीं निफ्टी भी 70 अंक की गिरावट के साथ 17,206 के स्तर पर बंद हुआ था।

UNSC में भारत ने रखा अपना पक्ष

रूस की इस मनमानी के खिलाफ छह देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपातकालीन बैठक बुलाई गई है। बैठक में भारत के प्रतिनिधि पीएस त्रिमूर्ति ने पक्ष रखा। त्रिमूर्ति ने कहा कि देश देश संयम बरतें और बातचीत के जरिए रास्ता निकालने की कोशिश करें। भारत की नजर में नागरिकों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है

 

Russia-Ukraine crisis LIVE:

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ गया है। यूक्रेन मसले पर बड़ा कदम उठाते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार देर रात पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही इलाकों-डोनेस्क और लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी। साथ ही उनके साथ रूस के सुरक्षा समझौते का भी एलान कर दिया। इस एलान के साथ ही पुतिन ने यूक्रेन की सेना को दोनों इलाकों पर गोलाबारी रोकने के लिए कहा। कहा कि सुरक्षा समझौते के तहत अब इनकी सुरक्षा की रूस की जिम्मेदारी है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत पश्चिमी देशों ने रूस के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन।

संबोधन में क्या कहा पुतिन ने

इससे पहले पुतिन ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि रूस को अपनी सुरक्षा का अधिकार है और हम इस जिम्मेदारी को संभालेंगे। पश्चिमी देशों ने नाटो का विस्तार कर लगातार दबाव बनाने और ब्लैकमेल की कोशिश की है। हाल के दौर में यूक्रेन परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है। जाहिर है इससे रूस के लिए खतरा बढ़ेगा। पुतिन ने कहा, सन 2000 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से नाटो में रूस के शामिल होने की संभावना पर बात की थी। लेकिन शीतयुद्ध की मानसिकता से ग्रस्त अमेरिका ने उस प्रस्ताव पर गौर नहीं किया। अमेरिका रूस जैसे बड़े और शक्तिशाली देश को नाटो में लेने के लिए तैयार नहीं हुआ। अमेरिका को छोटे और कमजोर देशों की जरूरत है। लेकिन अब हमें अपनी सुरक्षा के लिए भरोसे की जरूरत है। नाटो का विस्तार न होने का हमें स्पष्ट आश्वासन चाहिए।

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