Promotion in MP मध्यप्रदेश में कर्मचारी अधिकारियों को मिलेगा प्रमोशन, मंत्री समूह का किया गया गठन, होगी बैठक
Promotion in MP मध्यप्रदेश में कर्मचारी अधिकारियों को मिलेगा प्रमोशन, मंत्री समूह का किया गया गठन
Promotion in MP मध्यप्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों के लिए सरकार की ओर से प्रमोशन देने की दिशा में बड़ी पहल की गई है। सरकार ने मंत्री समूह का गठन किया है पदोन्नति के पूरे मामले को देखेगी। जिसकी आज बैठक होगी इस मंत्रिमंडल समूह गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र की अध्यक्षता में बैठक करेगी जिसकी सूचना जारी हो चुकी है।
जारी सूचना के अनुसार म.प्र. के शासकीय सेवकों को उनके सेवाकाल में पात्रता अनुसार पदोन्नति के अवसर उपलब्ध करवाने हेतु प्रस्तावित नियमों पर विचार हेतु मंत्री समूह की बैठक होगी। म.प्र. के शासकीय सेवकों को उनके सेवाकाल में पात्रता अनुसार पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में भविष्य की रणनीति के निर्धारण हेतु मंत्री समूह का गठन किया गया है। प्रस्तावित पदोन्नति नियमों पर चर्चा हेतु समूह की बैठक माने. डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मंत्रीजी, गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी कार्य विभाग की अध्यक्षता में दिनांक 18 अक्टूबर, 2022 को आयोजित की गई हैं।
गौरतलब है कि 6 साल बाद अधिकारियों-कर्मचारियों को पदोन्नति मिलने का रास्ता साफ हुआ है। सामान्य प्रशासन विभाग ने विधि विभाग से परामर्श करके पदोन्न्ति नियम-2022 तैयार कर लिए हैं। इसमें अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए तीन साल ही पद आरक्षित रखे जाएंगे।
नए सिरे से गणना की जाएगी
इस अवधि में यदि संबंधित वर्ग के पात्र अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलते हैं तो फिर इन्हें शून्य घोषित कर नए सिरे से गणना की जाएगी। इसी तरह पदोन्नति के पदों प्रतिवर्ष निर्धारित होंगे। आरक्षण उपलब्ध पदों के आधार तय होगा।
पदोन्नति नियम 2002 के निरस्त होने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग काफी समय से इस प्रयास में था कि नए नियम बनाकर पदोन्नति प्रारंभ कर दी जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया था।
समिति ने तीन बैठकें की
समिति ने तीन बैठकें की और आरक्षित व अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी संगठनों का पक्ष लिया। इसके आधार पर विभाग ने नियम का प्रारूप तैयार करके विधि विभाग को भेजा था। इसमें अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पद पर पदोन्नति के लिए पात्र अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलने पर पद रिक्त रखा जाना प्रस्तावित था। इस पर विधि विभाग ने आपत्ति उठाते हुए था कि आखिर कब तक पदों का रिक्त रखा जा सकता है।