पीड़ा आम नागरिकों की: मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है जिले की इस कॉलोनी के आम नागरिक

कटनी। शहर से महज 2-3 किलोमीटर की दूरी, कटनी साऊथ रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर एक के ठीक पीछे विवेकानंद वार्ड लखेरा की, शिव कोलोनी,जहां नगर निगम कटनी के पूर्व अध्यक्ष का स्वयं का भी मुख्य लखेरा मार्ग से लगकर निवास है तो इसके पीछे स्थित हजारों मकान की इस बस्ती में सड़कें हैं नहीं, नालियां हैं नहीं,जब सड़कें नालियां ही नहीं है तो सफाई की बात ही बेमानी है ! बिजली के खम्भे खुद के जुगाड़ से या ले-दे के कामचलाऊ व्यवस्था राम भरोसे है! एक-एक बिजली के खम्भे पर उसकी क्षमताओं से भी अधिक कनेक्शन हैं और बिजली की लाईन अपर्याप्त बिजली के खम्भे के होने से लोगों के निर्मित मकानों से होकर, लकड़ी की बल्लियों के सहारे तमाम निर्मित अथवा निर्माणाधीन मकानों तक पहुंचाई जाकर दुर्घटनाओं को खुल्लम खुल्ला आमंत्रित कर रही हैं।
पानी के मामले में यहां के निवासी जलदाय विभाग के कारिन्दों,अधिकारीयों के रहमो करम पर हैं। पानी कब आना है,मर्जी पर निर्भर है। कोई समय नहीं है। यहां के निवासी पानी के मामले में अपने को ठगा सा महसूस करते आ रहे हैं। एक दूसरे को आस पड़ोसी को पानी आने की सूचना पर रहते आ रहे हैं। जबकि ननि से पानी कनेक्शन लेने पर घर तक पानी कनेक्शन के सारे संसाधन नागरिक को स्वयं जुटाकर उपलब्ध कराये जाने पर और निर्धारित राशि के अतिरिक्त, चाय नाश्ते के इंतेज़ाम के उपरांत ही बहाल हो पाता है! बारिश में तो यह कालोनी मानो शहर से कट ही जाती है।
बजबजाती गलियों और उस पर अठखेलियां करते बाराह और उनके बेटों से होकर बच्चों को स्कूल ले जाने व लानेवाले वाहन फंस जाते हैं इसलिए वाहन आते ही नहीं है। ऐसी बात भी नहीं है कि, यहां के निवासियों ने अपनी उपरोक्त समस्याओं के लिये जिम्मेदार नेताओं, अधिकारियों को नहीं बतलाया हो। अब तक के इस वार्ड के पार्षद,विधायक,सभापति, कमिश्नर,एसडीएम,कलेक्टर सब से अपना दुखड़ा पिछले सालों में कई -कई मर्तबा लिखित/मौखिक तौर पर रो चुके हैं यहां के निवासी लेकिन सभी बस उम्मीद बंधाते ही आ रहे हैं और इसी उम्मीद पर यहां के निवासी उपरोक्त लोगों की दी गई आश्वासन रूपी उम्मीद के आसरे नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
हां ननि कटनी के तमाम शुल्क और बिजली बिलों में कोई कमी नहीं और कमी नहीं नित-नूतन शहर के कायाकल्प करने जैसी मनलुभावन घोषणाओं की,बस ज़मीं पर यह सभी लोकप्रिय,जन-जन प्रिय,स्वर्ग सी अनुभूति प्रदान करने वाली बातें और दावे-वादे कब तक साकार होकर अलौकिक आनंद की अनुभूति प्रदान करायेंगी,बस उसी प्रतीक्षा में इस वार्ड के कई नागरिकों का इस पारलौकिक जगत से ही नाता समाप्त हो गया।