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Madhya Pradesh Politics : भाजपा में कई शक्ति केंद्र, कांग्रेस में दिग्विजय का बोलबाला

Madhya Pradesh Politics:भोपाल । पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद मप्र के ग्वालियर-चंबल संभाग के सियासी समीकरण बदल गए हैं।
भाजपा में जहां वर्चस्व की खामोश लड़ाई शुरू हो गई है, वहीं मप्र कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एकतरफा बोलबाला हो गया है।
राज्य में कांग्रेस में बड़े कद के अकेले नेता दिग्विजय सिंह हैं, जबकि भाजपा में कई शक्ति केंद्र उभर गए हैं।

कमल नाथ की सरकार गिरने से पहले ग्वालियर-चंबल संभाग में भाजपा के फैसले आरएसएस, पार्टी संगठन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की सहमति से हो जाते थे। बाद में परिस्थिति बदल गई। यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर छोटे-छोटे मसलों पर भी निर्णय लेने में देरी हुई।

मिश्रा की हैसियत बढ़ी

कमल नाथ सरकार के पतन से जुड़े सियासी ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की हैसियत एकाएक बढ़ गई। इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नजदीकियों ने उन्हें ताकतवर बनाया।

सिंधिया का दखल बढ़ा

कमल नाथ सरकार अपदस्थ कराने के अहम किरदार रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी भाजपा में महत्व मिला। कद के मुताबिक उनकी भी एक अहम हैसियत है और सरकार बनवाने का असली श्रेय भी उन्हें ही है। जाहिर है कि अपने अभियान के सहयोगियों को उपकृत कराने में उनका भी हस्तक्षेप बढ़ा।

वीडी शर्मा का चेहरा उभरा

वर्चस्व के ताने-बाने में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी चेहरा उभरा है। संगठन के मुखिया होने की वजह से उनका भी हस्तक्षेप कई मुद्दों पर दिखा। इस वजह से अफसरों की तैनाती से लेकर कई फैसलों में सरकार की असमंजस की स्थिति दिखी है।

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