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Gyanvapi Case : ज्ञानवापी मामले में औरंगजेब की एंट्री, मुसलिम पक्ष ने कहा- मस्जिद का मालिक है आलमगीर

Gyanvapi Case

Gyanvapi Case  ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण में जिला जज की अदालत में मंगलवार को मुस्लिम पक्ष ने दलील दी कि ज्ञानवापी का असली मालिक आलमगीर है, जिस वक्त मस्जिद का निर्माण हुआ उस वक्त मुगल शासक औरंगजेब का शासन था। इस संपत्ति पर भी औरंगजेब का नाम आलमगीर के तौर पर दर्ज है। उसके द्वारा ही यह संपत्ति दी गई, जिस पर मस्जिद बनाई गई है।

 

मंगलवार को ज्ञानवापी प्रकरण में करीब दो घंटे की बहस में मुस्लिम पक्ष की ओर से मस्जिद को वक्फ संपत्ति बताए जाने के लिए तमाम दलीलें दी गईं। इसमें मुगल शासक औरंगजेब का बार-बार जिक्र भी किया। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता शमीम अहमद ने न्यायालय में 25 फरवरी 1944 का प्रदेश शासन का एक गजट भी प्रस्तुत किया। उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन वक्फ कमिश्नर ने वक्फ संपत्तियों की एक सूची बनाई थी और इसमें ज्ञानवापी का नाम सबसे ऊपर था।

इसी रिपोर्ट को शासन ने वक्फ बोर्ड को भेजा था और वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज कर शासन ने इसका गजट कराया था। उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्ति के लिए यह आवश्यक है कि उसे कोई देने वाला होना चाहिए। रिपोर्ट में साफ तौर पर जिक्र है कि इस संपत्ति को आलमगीर बादशाह ने वक्फ को समर्पित की। अदालत में अधिवक्ता ने यह कहा कि मुस्लिम प्रजा ने औरंगजेब को आलमगीर नाम दिया था। 1291 फसली का खसरा-खतौनी दाखिल किया गया है, उसमें मालिक के तौर पर आलमगीर का नाम दर्ज है। अधिवक्ता ने वक्फ एक्ट 1995 का जिक्र करते हुए कहा कि वक्त की संपत्ति के मामलों पर सुनवाई का अधिकार सिविल न्यायालय को नहीं है। इसलिए वादी पक्ष की ओर से दाखिल यह मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है।

अंजुमन की तरफ से नियुक्त अधिवक्ता योगेंद्र सिंह मधू बाबू कोर्ट में मंगलवार को भी नहीं पहुंचे, जबकि रईस अहमद, मुमताज अहमद, मिराजुद्दीन सिद्दकी व एजाज अहमद मौजूद रहे। वही महिला वादियों की तरफ से हरिशंकर जैन व विष्णु जैन के अलावा सुभाष नंदन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी, मानबहादुर सिंह, अनुपम द्विवेदी, डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय समेत वादिनीगण व पैरोकार कोर्ट में मौजूद रहे।

 

Gyanvapi Case  बहस के दौरान न्यायालय में तकरार

अधूरी बहस के बीच कोर्ट में चार महिला वादियों की तरफ से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने सुप्रीमकोर्ट जाने का हवाला देते हुए अदालत से सुनवाई का समय दो बजे के बजाय पहले ही किये जाने का अनुरोध किया। इस पर एक अन्य महिला वादी के अधिवक्ता ने विरोध किया और बहस के दौरान ही अधिवक्ताओं में जमकर तकरार हो गई, जिससे कोर्ट की मर्यादा को भी ठेस लगी। अंतत: बीचबचाव और वरिष्ठ वकीलों के हस्तक्षेप पर अदालत ने सुनवाई का समय परिवर्तित करते हुए साढ़े 11 बजे सुबह रख दिया।

 

Gyanvapi Case  मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी होने के बाद हिंदू पक्ष देगा प्रति उत्तर

बुधवार को सुनवाई शुरू होते ही अंजुमन इंतजामिया अधूरी बहस एक घंटे में पूरा कर लेगा। इसके बाद हिंदू पक्ष की तरफ से हरिशंकर जैन प्रति उत्तर बहस करेंगे। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने बताया कि अंजुमन की दलील के मुताबिक संपत्ति वक्फ की है, जिसका वाद वक्फ ट्रिब्यूनल में चलना चाहिए।

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