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Biggest theft in the history of Jabalpur जबलपुर में अब तक की सबसे बड़ी चोरी का खुलासा, पढ़ कर हैरान रह जाएंगे

Biggest theft in the history of Jabalpur जबलपुर में इसे अब तक की सबसे बड़ी चोरी का खुलासा

biggest theft in the history of Jabalpur जबलपुर में इसे अब तक की सबसे बड़ी चोरी कहा जाए तो अचरज नहीं होगा। पुलिस ने आज इसका खुलासा किया है। सोने-चांदी की दुकान में साढ़े पांच करोड़ रुपये कीमत का जेवरात भी पुलिस ने चोरों से बरामद किए है। इस मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। ये तीनों गोहलपुर थाना क्षेत्र के निवासी है। बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेसवार्ता कर चोरी का खुलासा किया।

पायल वाला गोल्ड शो रूम में 16 अगस्त

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक व जबलपुर जोन उमेश जोगा ने बताया कि सुपर मार्केट काफी हाउस के सामने पायल वाला गोल्ड शो रूम में 16 अगस्त को चोरी की जानकारी लगी। सुबह जब दुकान खोलने पहुंची तो शटर के बाजू से खुला मिला। शटर के ताले कटे हुए थे। दुकान के अंदर देखा तो शो रूम में रखे ज्वेरात चोरी कर फरार हो गए। इस मामले में लार्डगंज थाने में मामला दर्ज हुआ। इसके बाद पुलिस पतासाजी में जुट गई। स्टाक मिलान के बाद शो रूम संचालक पुलिस को 10 किलो 252 ग्राम और 70 मिलीग्राम सोने के जेवर चेारी होना बताया। उनके अनुसार इनकी कीमत करीब पांच करोड़ 43 लाख 43 हजार 500 रुपये थी।

Biggest theft in the history of Jabalpur जबलपुर में अब तक की सबसे बड़ी चोरी का खुलासा, पढ़ कर हैरान रह जाएंगे

सूचना देने वालों को दस हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा

पुलिस ने इस मामले में सूचना देने वालों को दस हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा भी की थी। इस घटना में पुलिस ने गोपी उर्फ मुस्तफा रहमान उम्र 42 साल निवासी मकान नंबर 164 उत्तर मोतीनाला, बैजू उर्फ बैजुद्दीन उम्र 32 साल पुराने पुल यूनानी दवाखाना और आरिफ उम्र 28 साल निवासी नूरी नगर अजीजगंज पसियाना तीनों आरोपित निवासी थाना गोहलपुर को गिरफ्तार किया है।

लाकडाउन में व्यापार में नुकसान बना कारण

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि गोपी उर्फ गुलाम मुस्तफा वाहन खरीद ब्रिकी का व्यापार करता है एवं हीटिंग क्वाइल बनाने का व्यापार करता है। कोरोना लाकडाउन में उसे व्यापार में नुकसान हुआ, जिस वजह से उस पर कर्ज हो गया। घटना में जो इनोवा कार उपयोग हुई वह भी आरोपित ने लोन पर ली थी। जिसका कर्ज नहीं चुका पा रहा था। कर्जदाता उसे लगातार पैसे वापस करने के लिए परेशान कर रहे थे। इस वजह से गोपी ने बैजुद्दीन के साथ मिलकर चोरी की साजिश रची। गुलाम मुस्तफा ने करीब एक माह पायलवाला शो रूम की रैकी की। वह हर दिन काफी हाउस के बाहर खड़े होकर दुकान खुले-बंद होने से लेकर हर जानकारी ली। घटना के दिन इनोवा की नंबर प्लेट कपड़े से ढंकी और कटर लेकर आया। उसने रात करीब एक बजे गाड़ी दत्त मंदिर के पास खड़ी की और पैदल दुकान तक पहुंचा। इस दौरान चैनल सहित 10 तालों को काटकर दुकान में दाखिल हुआ। पहले उसने दुकान के सीसीटीवी का डीवीआर निकाला और जेवर निकालकर बोरी में भर लिए। करीब दो घंटे तो दोनों आरोपितों ने दुकान से सामान समेटकर बोरी में भरा। इसके बाद पैदल बोरी लेकर इनोवा गाड़ी में पहुंचे और शहर में इधर-उधर तीन घंटे तक घूमते रहे। कोसम घाट पहुंचकर इन्होंने कटर और डीवीआर को नाले में फेंक दिया। इसके बाद जुराए जेवर की बोरियों को वहीं झाडियों में छिपा दिया। इनोवा वाहन को भेड़ाघाट में खड़ाकर ये अपने घर लौट आए। बाद में मोटरसाइकल से वापस कोसमघाट पहुंच और चोरी के माल को आपस में बांट लिया।

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