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Customised Lockdown: केंद्र कर रही विचार ऐसे चर्चा में आया कस्टमाइज लॉकडाउन, जानिए क्या है यह

नई दिल्ली।  कोरोना महामारी को रोकने के लिए एक बार फिर लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाया जा रहा है। इस बीच, चर्चा है कि केंद्र सरकार मई के महीने में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगा सकती है। बहरहाल, ताजा खबर यह है कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में एक समान लॉकडाउन लगाने की खबरों का खंडन कर दिया है। इसके बजाए कस्टमाइज्ड लॉकडाउन (Customised Lockdown) लगाने की बात कही जा रही है। हालांकि अभी इस पर भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन Customised Lockdown के जरिए सरकार की कोशिश है कि जहां संक्रमण ज्यादा है, वहां पाबंदियां लगाई जाए, बाकी स्थानों पर लोगों को छूट दी जाए। Customised Lockdown का फैसला भी राज्य सरकारें ही करेंगी। जानिए Customised Lockdown के संभावित नियमों का बारे में

कस्टमाइज्ड लॉकडाउन क्या है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों इसके संकेत दिए थे। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था, मैं राज्यों से अनुरोध करूंगा कि वो लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है। माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है।

अब माइक्रो कन्टेनमेंट तर्ज पर ही Customised Lockdown का इस्तेमाल किया जा सकता है। जहां जितना अधिक संक्रमण, वहां उतनी अधिक पाबंदियां। दूसरे शब्दों में जहां कोरोना का असर नहीं है, उन स्थानों में जनजीवन सामान्य रहेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला केंद्र सरकार ने राज्यों और स्थानीय प्रशासन पर छोड़ दिया है। यानी राज्य सरकार ही तय करेगी कि उनके यहां किन जिलों या शहरों में पाबंदियां रहेंगी। Customised Lockdown के तहत जरूरी नहीं कि पूरे शहर में सख्ती बरती जाए। शहर के जिन इलाकों में कोरोना मरीज अधिक हैं, वहां पाबंदियां रहेंगी, बाकी शहर सामान्य रूप से चल सकता है।

कुल मिलाकर जिन स्थानों पर लोग जितने सावधान रहेंगे, शारीरिक दूरी का पालन करेंगे, मास्क लगाएंगे, वहां संंक्रमण उतना कम होगा और लॉकडाउन-कर्फ्यू से बच सकेंगे।

Fact Check में सम्पूर्ण लॉकडाउन की खबर निकली गलत: 

एक न्‍यूज चैनल के फर्जी न्‍यूज ग्राफिक को बनाकर कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 3 मई से 20 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है। इसे सच समझकर कुछ लोग वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि यह पोस्‍ट पूरी तरह से फर्जी है। ऐसा कोई एलान अभी तक नहीं हुआ है।

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