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37 साल बाद न्यायालय ने सुनाया फैसला, राजेंद्र डेऊँ हत्याकांड में किस्सू तिवारी को आजीवन कारावास सजा

कटनी। आरोपी किस्सू तिवारी काफी समय से फरार चल रहा था, जिसपर पुलिस ने आरोपी को 22 मई को अयोध्या से गिरफ्तार कर कटनी न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय द्वारा आज किस्सू तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

31 दिसम्बर 1986 की रात में राजेंद्र उर्फ देऊ सिंधी से मारपीट कर भट्टे में फेंक कर की थी हत्या। 2 जनवरी 1987 को भट्टे में मिला था शव। दूसरे दिन उसका जला हुआ शव भट्टे से पुलिस ने बरामद किया था। आरोपी के कटनी के अलावा जबलपुर व इंदौर में भी उसने अपराध किए थे। किस्सू तिवारी पर हत्या, अपहरण, हत्या के प्रयास सहित 22 मामले।

किस्सू तिवारी के बहुचर्चित मामले में न्यायालय का फैसला आया। चूना भट्टे में युवक को फेंक कर हत्या के मामले पर 37 साल बाद न्यायालय ने सुनाया फैसला। कुख्यात अपराधी किस्सू तिवारी को पंचम अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सुनाई सजा।

युवक का अपहरण कर उसे जिंदा चूने के भट्टे के डाल दिया था

जिले के कुख्यात अपराधी किस्सू उर्फ किशोर तिवारी पर एक युवक का अपहरण कर उसे जिंदा चूने के भट्टे के डाल देने के मामले में जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। सोमवार को मामले में फैसला आने की संभावना थी। सुबह से जिला न्यायालय में पुलिस बल तैनात रहा। दोपहर बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए किस्सू तिवारी को मामले में जहां दो धाराओं में दोषमुक्त किया है तो वहीं हत्या के मामले में उसे दोषी पाया गया है। न्यायालय में मामले का फैसला सुरक्षित रख लिया था। किस्सू तिवारी पर हत्या, अपहरण, हत्या के प्रयास सहित 22 मामले दर्ज हैं।

जिसमें कटनी के अलावा जबलपुर व इंदौर में भी उसने अपराध किए थे। कोतवाली थाना क्षेत्र के वर्ष 1987 में राजेन्द्र डेऊं नामक युवक को किस्सू उसके घर से पार्टी के लिए लेकर गया था और खाना खाने के बाद ढाबे में उसके साथ मारपीट की। साथ ही दस किमी. दूर ले जाकर चूने के जलते भट्टे में उसे झोंक दिया था। दूसरे दिन उसका जला हुआ शव भट्टे से पुलिस ने बरामद किया था।

2021 में डेऊ की हत्या में सजा सुनाने के दौरान फरार हो गया था 2015 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था और उसके बाद वह जमानत पर छूटा था। वर्ष 2021 में डेऊ की हत्या के मामले में उसे जब न्यायालय सजा सुनाने वाली थी तो वह फरार हो गया था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी और हाईकोर्ट के दबाव के चलते कुछ दिन पहले ही उसे उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह अयोध्या उप्र में रामलला के दर्शन करने पहुंचा था।

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