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7th Pay Commission; 48 लाख सरकारी कर्मियों के लिए खुशखबरी: जल्द मिलेगा 28 फीसदी डीए के साथ बढ़ा हुआ एचआरए और टीए

7th Pay Commission; 48 लाख सरकारी कर्मियों के लिए खुशखबरी: जल्द मिलेगा 28 फीसदी डीए के साथ बढ़ा हुआ एचआरए और टीए

7th Pay Commission; 48 लाख सरकारी कर्मियों के लिए खुशखबरी: जल्द मिलेगा 28 फीसदी डीए के साथ बढ़ा हुआ एचआरए और टीए

केंद्र सरकार अपने 48 लाख कर्मचारियों और लगभग 60 लाख पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता (डीए) तो देगी ही, इसके साथ ही उन्हें बढ़ी हुई दरों के हिसाब से एचआरए और टीए भी मिलेगा। सरकार ने कर्मचारी संगठनों की राष्ट्रीय परिषद से यह बात कही है। परिषद के एक नेता ने जब सरकार की मंशा पर सवाल उठाया तो वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी ने कहा, आपको सरकार पर विश्वास क्यों नहीं है। आप भरोसा रखें, सरकार ने जो कहा है, उसे पूरा करेगी। आगामी एक जुलाई को 28 फीसदी की बढ़ी हुई दर से कर्मियों के खाते में भत्तों की राशि जमा करा दी जाएगी। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट से संबंधित एक मामले में यह स्थिति साफ कर दी है कि सरकार कर्मचारी के वेतन भत्ते स्थायी तौर पर नहीं रोके जा सकते। सरकार को छह फीसदी ब्याज दर के साथ वेतन का भुगतान करना होगा।

केंद्रीय कर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद ने कई बार सरकार को चेताया है कि जनवरी 2020 से लेकर जुलाई 2021 तक की डीए राशि अविलंब जारी की जाए। एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है कि सरकारी कर्मचारी ‘कोरोनाकाल’ में दो कदम आगे बढ़ाकर काम कर रहे हैं। कई विभाग तो ऐसे हैं जहां पर कर्मचारी को 17 घंटे से अधिक समय तक ड्यूटी देनी पड़ती है। कुछ कर्मियों ने तो 24 घंटे तक ड्यूटी दी है और वे आज भी दे रहे हैं।

पिछले साल के प्रारंभ में केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दी थी। इस घोषणा के बाद कर्मियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ कर 21 फीसदी हो गया था। केंद्र सरकार को यह भत्ता जारी करने के लिए 14,595 करोड़ रुपये खर्च करने थे। कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक डीए-डीआर व दूसरे भत्तों पर रोक लगा दी थी।

सी. श्रीकुमार कहते हैं कि इस बाबत सरकार के साथ कई बार पत्राचार किया गया था। स्टाफ साइड और वित्त मंत्रालय के बीच हुई बैठकों में इस मुद्दे को उठाया गया। पिछले दिनों हुई बैठक में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से कहा गया कि अब कर्मियों का धैर्य जवाब देने लगा है। उन्हें डीए और दूसरे भत्ते तुरंत दिए जाएं। केंद्र सरकार ने जब भत्तों पर रोक लगाई थी तो उस समय 17 फीसदी की दर से डीए की राशि मिलनी थी। तब से लेकर अब तक उस दर में बढ़ोतरी हो गई है।

केंद्रीय कर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद ने कई बार सरकार को चेताया है कि जनवरी 2020 से लेकर जुलाई 2021 तक की डीए राशि अविलंब जारी की जाए। एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है कि सरकारी कर्मचारी ‘कोरोनाकाल’ में दो कदम आगे बढ़ाकर काम कर रहे हैं। कई विभाग तो ऐसे हैं जहां पर कर्मचारी को 17 घंटे से अधिक समय तक ड्यूटी देनी पड़ती है। कुछ कर्मियों ने तो 24 घंटे तक ड्यूटी दी है और वे आज भी दे रहे हैं।

पिछले साल के प्रारंभ में केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दी थी। इस घोषणा के बाद कर्मियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ कर 21 फीसदी हो गया था। केंद्र सरकार को यह भत्ता जारी करने के लिए 14,595 करोड़ रुपये खर्च करने थे। कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक डीए-डीआर व दूसरे भत्तों पर रोक लगा दी थी।

सी. श्रीकुमार कहते हैं कि इस बाबत सरकार के साथ कई बार पत्राचार किया गया था। स्टाफ साइड और वित्त मंत्रालय के बीच हुई बैठकों में इस मुद्दे को उठाया गया। पिछले दिनों हुई बैठक में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से कहा गया कि अब कर्मियों का धैर्य जवाब देने लगा है। उन्हें डीए और दूसरे भत्ते तुरंत दिए जाएं। केंद्र सरकार ने जब भत्तों पर रोक लगाई थी तो उस समय 17 फीसदी की दर से डीए की राशि मिलनी थी। तब से लेकर अब तक उस दर में बढ़ोतरी हो गई है।

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि अब एक जुलाई से 28 फीसदी की दर से डीए मिलेगा। एचआरए और टीए भी बढ़ी हुई दरों के हिसाब से जारी होगा। एचआरए में तीन फीसदी बढ़ोतरी की बात कही गई है। कर्मचारी संगठनों के द्वारा सरकार से आग्रह किया गया है कि वह नेशनल पेंशन स्कीम को खत्म कर दोबारा से पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करे। इससे कर्मियों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।

बहुत से सरकारी कर्मचारी और पेंशनर कोरोना का शिकार हो चुके हैं। इस हालत में डीए व दूसरे भत्ते बंद होने के कारण उनके आश्रितों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। जनवरी 2020 से लेकर अब तक लाखों कर्मी रिटायर हो गए हैं। उनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा। श्रीकुमार के मुताबिक, तेलंगाना हाईकोर्ट ने एक सेलरी बंद करने के एक फैसले में कहा था कि ऐसा नहीं हो सकता। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 12 फीसदी ब्याज सहित वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ तेलंगाना सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई।

सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया कि कर्मचारी का वेतन स्थायी तौर पर नहीं रोका जा सकता। ऐसी स्थिति में कर्मचारी को छह फीसदी ब्याज दर के साथ वेतन का भुगतान किया जाए। केंद्र सरकार को यह बात सोचनी चाहिए कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर लंबे समय तक रोक लगाना ठीक नहीं है। अभी तक सरकारी कर्मियों ने हर तरह से सरकार का सहयोग किया है। अगर सरकार, कर्मियों को उनका वाजिब हिस्सा नहीं देती है तो वे सड़क पर संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे

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