Corona newsHOME

दावा: अगली COVID-19 लहर आने में लगेंगे पांच से छह महीने, अभी से सतर्कता जरूरी

अगली COVID-19 लहर आने में पांच से छह महीने लगेंगे, क्योंकि तब तक जनसंख्या की प्रतिरोधक क्षमता एक बार फिर खत्म हो जाएगी।

नई दिल्‍ली: देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है और लोग घरों में रहकर अपनी जान बचाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ-हैदराबाद के निदेशक प्रो. जीवीएस मूर्ति के अनुसार, फ्लू की तरह COVID-19 यहां पीढ़ियों तक रहने वाला है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि जून के अंत में दक्षिण और पश्चिम भारत में COVID-19 मामलों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी जा सकती है।प्रो मूर्ति ने गुरुवार को पीटीआई को बताया, “उत्तर और पूर्वी भारत के मामलों में उल्लेखनीय कमी जुलाई के मध्य में हो सकती है।”

उनके अनुसार, महामारी में बहुत जल्दी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक समारोहों की अनुमति देना दूसरी लहर में मामलों के तेजी से बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक है।

उन्होंने कहा, ”फरवरी से आने वाले संकेतों के बावजूद कि हम मामलों में वृद्धि देख सकते हैं, शीघ्र सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया की कमी थी और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवर प्रतिक्रिया में शामिल नहीं हुए।”

प्रो मूर्ति ने कहा, “उन सभी देशों में जहां COVID-19 प्रतिक्रिया त्वरित और आवश्यकता-आधारित थी, सार्वजनिक स्वास्थ्य ने जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाई थी। दुर्भाग्य से, भारत में ऐसा नहीं देखा गया था, जहां यह गैर-सार्वजनिक स्वास्थ्य या राजनीतिक प्रतिक्रिया थी।”

उन्होंने कहा कि कोविड-19 यहां लंबे समय तक हमारे साथ रहेगा। एक बार जब एक संक्रामक समुदाय में प्रवेश कर जाता है, तो वह उबलता रहता है और स्थानीय प्रकोपों को जन्म देता है। फ्लू अब पीढ़ियों से हमारे साथ है और यही COVID-19 का भी होगा।

उनका विचार है कि जब भी बड़ी संख्या में संक्रमण की आशंका वाले लोग उपलब्ध होंगे, तब प्रकोप होगा।

प्रो मूर्ति ने कहा, “हम जानते हैं कि COVID-19 संक्रमण के बाद इम्‍युनिटी केवल 3-6 महीने की छोटी अवधि के लिए होती है, जिसके बाद वही व्यक्ति पुन: संक्रमित होने की चपेट में आ जाता है। पुन: संक्रमण वायरल लोड पर निर्भर करेगा, जिससे अतिसंवेदनशील व्यक्ति के संपर्क में आत है। हमने कुछ मुख्यमंत्रियों और राष्ट्रीय नेताओं को भी दूसरी बार संक्रमित होते देखा है। इसलिए कोई भी स्थायी रूप से इम्‍युनिटी हासिल नहीं करता है।”

उनके अनुसार, अगली COVID-19 लहर आने में पांच से छह महीने लगेंगे, क्योंकि तब तक जनसंख्या की प्रतिरोधक क्षमता एक बार फिर खत्म हो जाएगी। नवंबर फिर से एक चिंताजनक समय हो सकता है।

प्रो. मूर्ति ने कहा, “यदि देश नवंबर तक 30 वर्ष से अधिक आयु के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण कर सकता है, तो हम COVID के प्रसार के लिए एक प्रभावी चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे।” साथ ही बच्चों में उपलब्ध टीकों का फील्ड-टेस्ट करने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि यदि संभव हो तो वैक्सीन को देश में ‘यूनिवर्सल प्रोग्राम ऑफ इम्यूनाइजेशन’ में जोड़ा जा सके।

प्रो. मूर्ति ने रेखांकित किया कि अगर हमें जोखिम कम करना है तो फरवरी 2022 तक बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। पर्याप्त सावधानियों के साथ स्कूल और कार्यालय खोले जा सकते हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button