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त्रिपुरा में शादी समारोह में उत्पात मचाने वाले पूर्व डीएम का तबादला, हाइकोर्ट के नाराजगी पर सरकार ने किया ट्रांसफर

डीएम के अशिष्ट आचरण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट द्वारा नाराजगी जताए जाने पर सरकार ने आनन-फानन में आइएएस शैलेश का तबादला कर दिया।

अगरतला। शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन, पंडित और अतिथियों समेत महिलाओं से जमकर अभद्रता करने वाले पश्चिम त्रिपुरा के पूर्व जिलाधिकारी शैलेश कुमार यादव का सरकार ने बुधवार को तबादला कर दिया। डीएम के अशिष्ट आचरण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट द्वारा नाराजगी जताए जाने पर सरकार ने आनन-फानन में आइएएस शैलेश का तबादला कर दिया।

जिलाधिकारी यादव ने कोरोना के नाम पर शादी समारोहों में जमकर मचाया था उत्पात

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के मूल निवासी शैलेश कुमार यादव त्रिपुरा में पश्चिम त्रिपुरा जिले के डीएम पद पर तैनात थे। बीती 26 अप्रैल को कोरोना गाइड लाइंस का पालन कराने के नाम पर उन्होंने दो शादी समारोहों में दल-बल के साथ धावा बोलकर जमकर उत्पात मचाया था। दुल्हन की मां ने जब उन्हें शादी समारोह की अनुमति का पत्र दिखाया तो उन्होंने उसे फाड़कर उनके मुंह पर दे मारा। दुल्हे को धक्का देकर कमरे से बाहर करने के बाद स्टे से दुल्हन को भी खदेड़ दिया। मंडप में बैठे बुजुर्ग पंडित को थप्पड़ मारकर भगा दिया। इनके साथ मौजूद पुलिस वाले भी पीछे नहीं रहे और एक-एक मेहमान को डंडे, लात और थप्पड़ मारकर भगाने लगे।

पूर्व डीएम ने महिलाओं के साथ भी किया था अभद्रता

आइएएस शैलेश का पारा इस बात पर चढ़ा था कि शादी समारोह दस बजे के बाद तक क्यों जारी है। इसके बाद वे महिलाओं के कमरे में घुस गए और वहां अंग्रेजी-हिंदी में मेहमानों को गंवार और जाहिल कहने लगे। एक बुजुर्ग ने बात संभालनी चाही तो उन्हें लोकसेवक के कार्य में बाधा डालने के आरोप में हिरासत में लेने का फरमान सुना दिया। उनकी पत्नी ने जब बख्श देने की चिरौरी की तो उनके साथ भी अभद्रता कर दी। इसी तरह जिसने भी उन्हें समझाना चाहा सबको हिरासत में लेने का आदेश देते रहे।

वीडियो के मीडिया पर वायरल होते ही मच गया तहलका, पूर्व डीएम की थू-थू होने लगी

मजे की बात उनकी इन सारी करतूतों का वीडियो उनकी टीम का ही कोई चहेता सदस्य बनाता रहा। करीब साढ़े पांच मिनट के इस वीडियो के इंटरनेट मीडिया पर वायरल होते ही तहलका मच गया। देश भर में आइएएस अफसर के आचरण को लेकर थू-थू होने लगी। साथ में त्रिपुरा सरकार की किरकिरी होने पर मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच समिति बना दी। अभी कुछ दिन पहले शैलेश कुमार के आग्रह पर उन्हें डीएम पद की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया।

पूर्व डीएम 12 दिन की छुट्टी पर,

उस दौरान इस घटना को लेकर त्रिपुरा हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं। बुधवार को इनकी सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ए कुरैशी और जस्टिस एसजी चट्टोपाध्याय की पीठ ने महाधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर डे से पूछा कि इस मामले में सरकार ने आइएएस अफसर के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की। डे ने बताया कि शैलेश ने डीएम पद की जिम्मेदारी त्याग दी है। वर्तमान में वे 12 दिन की छुट्टी पर हैं। इस पर कोर्ट ने सवाल किया 26 अप्रैल को उत्पात मचाने के बाद उन्हें पश्चिम त्रिपुरा में कैसे रहने दिया गया।

हाई कोर्ट के कड़े रुख के चलते यादव को बेलोनिया में पोस्टिंग दी गई

पीठ ने महाधिवक्ता को अदालत को आधे घंटे में यह बताने का निर्देश दिया कि यादव को जिले के बाहर कहां तैनात किया जा रहा है। महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव मनोज कुमार से जानकारी लेने के बाद अदालत को बताया कि शैलेश कुमार यादव को दक्षिण त्रिपुरा जिले के मुख्यालय बेलोनिया में पोस्टिंग दी गई है। उन्हें अभी तक बेलोनिया में कोई पद आवंटित नहीं किया गया है। यह शहर अगरतला से 110 किलोमीटर दूर है।

कानूनी तौर पर शाम छह बजे के बीच किसी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता

उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने 27 अप्रैल को इस मामले में एक जांच समिति का गठन किया था जिसमें दो वरिष्ठ आइएएस शामिल हैं। उधर हाई कोर्ट ने जांच में निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए तीसरे सदस्य के रूप में सेवानिवृत्त जिला जज सुभाष सिकदर को शामिल करने का आदेश दिया है। पीठ ने याचिकाकर्ताओं और सरकार से हलफनामा दाखिल कर उस रात कई महिलाओं की गिरफ्तारी को लेकर स्थित स्पष्ट करने को कहा है। क्योंकि कानूनी तौर पर शाम छह बजे के बीच किसी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।

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