HOMEMADHYAPRADESH

MP Promotion Update: मेरिट-कम-सीनियरिटी के आधार पर सरकार जल्द प्रमोशन के लिए पूरे एक्शन में, लगेगी केबिनेट की मुहर

MP Promotion Rules जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा, सरकार जल्द प्रमोशन के लिए पूरे एक्शन में

MP Promotion Update विभागीय प्रमोशन की रास्ता देख रहे कर्मचारियों को जल्द अच्छी खबर मिलेगी। सरकार के लिए यह इसलिए भी जरूरी हो गया क्योंकि करीब 70 हजार अधिकारी कर्मचारियों का रिटायरमेंट भी है। यही नहीं सरकार अगले साल चुनाव को ध्यान में रखकर भी जल्द फैसला चाहती है।

मेरिट-कम-सीनियरिटी के आधार पर

6 साल से प्रमोशन पाने के लिए बेताब राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है कि अब प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के नए प्रमोशन रूल्स 2022 को कानून विभाग ने हरी झंडी दे दी है। जल्द ही इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। इससे प्रदेश के तकरीबन साढ़े 3 लाख अधिकारी-कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा। प्रस्ताव के अनुसार अब अधिकारी-कर्मचारियों का प्रमोशन मेरिट-कम-सीनियरिटी के आधार पर होगा।

सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों का हवाला

कानून विभाग ने जीएडी के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति लगाकर लाखों अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन के सपने पर पानी फेर दिया था। कानून विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों का हवाला देते हुए जीएडी के प्रस्ताव पर सवालिया निशान लगाए थे। इसके बाद जीएडी ने कानून विभाग की आपत्तियों का निराकरण कर नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर दोबारा विभाग को भेजा था, जिसे मंजूरी दे दी गई। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ​दीपावली से पहले नए पदोन्नति नियम लागू हो सकते हैं।

नए नियमों में कुछ बदलाव

आपत्ति के बाद जीएडी ने प्रस्तावित नए नियमों में कुछ बदलाव किए। इसमें प्रमुख बदलाव प्रमोशन में बैकलॉग खत्म करने का है। यानी अब एससी-एसटी के अधिकारियों को प्रमोशन के लिए केवल 3 साल तक बैकलॉग के पदों का लाभ मिलेगा। इस अवधि में पदोन्नति के लिए अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलते तो ये पद खुद खत्म हो जाएंगे।

यहां जानिए कैसे होगी कार्रवाई  

  • हर साल योग्य उम्मीवार की मेरिट-कम-सीनियरिटी की लिस्ट तैयार होगी। इसके बाद संबंधित विभाग एससी, एसटी और अनारक्षित वर्ग की संयुक्त सूची बनाएगा।
  • इस सूची में से सबसे पहले आरक्षित यानी एससी-एसटी के पदों पर प्रमोशन किया जाएगा, उसके बाद अनारक्षित (सामान्य) वर्ग का। उदाहरण के लिए- यदि कुल 50 पद हैं और पदोन्नति के लिए 150 कर्मचारी हैं तो पहले 20 पद आरक्षित से भरे जाएंगे। फिर इसमें चाहे कर्मचारी सामान्य वर्ग के कर्मचारी से भी जूनियर हो। बचे 30 अनारक्षित पद में से भी आरक्षित वर्ग का कोई कर्मचारी सीनियर रहता है तो उससे पद भरा जाएगा। इसके बाद बचे पद में सामान्य को जगह मिलेगी।
  • यदि आरक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति एक बार सामान्य वर्ग के पद पर पदोन्नति पा लेता है तो आगे उसकी पदोन्नति सामान्य (अनारक्षित) वर्ग में ही की जाएगी। आगे वह आरक्षित के पदों पर पदोन्नति नहीं ले पाएगा।
  • क्लास-3 (ग्रेड-1, ग्रेड-2 और ग्रेड-3) के लिए पांच सालों की ग्रेडिंग के 12 अंक, क्लास-2 के लिए 14 और क्लास-1 के लिए 15 अंक होना जरूरी होगा।
  • मेरिट कम सीनियरिटी के अनुसार पदोन्नति में मेरिट सीआर के अंकों को आधार माना जाएगा। मेरिट की 5 श्रेणियां रहेंगी। पहली क+ के 4 अंक यानी 5 साल के 20 अंक हुए। क के 3 यानी पांच साल के 15 अंक। ख के 2 अंक यानी पांच साल के 10 अंक और ग का 1 अंक यानी 5 साल के 5 अंक। घ के 0 अंक यानी फिसड्‌डी। इसमें पहले प्रमोशन पदों के मुताबिक मेरिट के अनुसार होंगे। पहले 20 अंक, 15 अंक, 10 अंक और 0 अंक होंगे।
  • मेरिट तय करने के लिए क्लास-3 के पदों की मेरिट के पहले चरण में सेक्शन ऑफिसर कर्मचारी की सीआर लिखेगा, उसका परीक्षण अंडर सेक्रेटरी करेगा और स्वीकृति डिप्टी सेक्रेटरी देगा। इसी तरह क्लास-2 के मामलों में सीआर का मामला अपर मुख्य सचिव तक जाएगा। क्लास-1 के पदों पर सीआर की स्वीकृति मुख्य सचिव स्तर पर होगी।
  • उच्च पदों यानी क्लास-1 और क्लास-2 के पदों पर पदोन्नति के मामले में यदि दो अफसरों के मेरिट में अंक समान हैं तो उसमें सीनियरटी देखी जाएगी। पहले वरिष्ठ कर्मचारी को प्रमोशन दिया जाएगा।

जनगणना के न होना भी एक कारण

सीनियर अफसर भी ये जानते हैं कि साईंटिफिक और अधिकृत डेटा सिर्फ जनगणना से ही मिल सकता है, लेकिन 2011 की जनगणना का डेटा ही सरकार के पास है। नई जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं हो पाई। अब नई जनगणना कब होगी, इसकी अभी कोई जानकारी सरकार के पास नहीं है।

Show More

Related Articles

Back to top button