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रेमडेसिविर को लेकर केंद्रीय मंत्री और राकांपा नेता ट्विटर पर भिड़े, जमकर वार पलटवार, जानें किसने क्‍या कहा

नई दिल्ली । कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जा रही एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर की उपलब्धता को लेकर केंद्रीय मंत्री मनसुख एल. मांडविया और राकांपा नेता नवाब मलिक ट्विटर पर भिड़ गए। मलिक ने एक बाद एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कई निर्यात केंद्रित इकाइयों (ईओयू) को घरेलू बाजार में इस ड्रग की बिक्री करने की अनुमति नहीं दे रही है।

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मांडविया ने मलिक के इस आरोप का जोरदार तरीके से खंडन किया। मांडविया ने कहा कि सरकार देश में दवा का उत्पादन दोगुना करने का हर प्रयास कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘नवाब मलिक का ट्वीट चौंकाने वाला है। यह आधी-अधूरी सच्चाई और झूठ से भरा है और दी गई धमकी अस्वीकार्य है। वह जमीनी हकीकत से अनजान हैं। भारत सरकार महाराष्ट्र सरकार के लगातार संपर्क में है और हर तरीके से रेमडेसिविर की आपूर्ति में मदद कर रही है।’

मांडविया ने आगे कहा कि सरकार रेमडेसिविर का उत्पादन दोगुना करने की प्रक्रिया में है। इस साल चार अप्रैल के बाद से 20 संयंत्रों को त्वरित अनुमति दी गई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र के लोगों के लिए रेमडेसिविर की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।’

केंद्रीय मंत्री ने मलिक से उन निर्यात केंद्रति कंपनियों की सूची भी देने को कहा है, जिन्हें घरेलू बाजार में दवा बेचने की अनुमति नहीं मिल रही है। इससे पहले मलिक ने, जो महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी हैं, कहा था कि देश में 16 ईओयू ऐसी हैं जिनके पास 20 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन पड़े हैं। निर्यात पर रोक के कारण ये कंपनियां घरेलू बाजार में अपनी दवा बेचना चाहती हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसकी अनुमति नहीं दे रही है।

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