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बिल्डरों को नवरात्रि-दिवाली का व्यवसाय चौपट होने की आशंका

बिल्डरों को नवरात्रि-दिवाली का व्यवसाय चौपट होने की आशंका
 भोपाल। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में पंजीयन के लिए अब भी 1100 से अधिक आवेदन अटके हैं। मध्यप्रदेश के बिल्डरों को नवरात्रि-दिवाली का धंधा चौपट होने की आशंका सताने लगी है। डेढ़ माह के दौरान 506 ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स का पंजीयन हो पाया है। ‘रेरा’ अधिनियम के अनुसार जब तक प्रोजेक्ट का पंजीयन नहीं होता, प्रॉपर्टी बेच नहीं सकते। इसलिए बिल्डरों में घबराहट बढ़ रही है।
बिल्डरों का कहना है कि बिना पंजीयन वह अपने प्रोजेक्ट्स का प्रचार और रजिस्ट्री भी नहीं कर सकते। प्रोजेक्ट्स में करोड़ों रुपए फंसे हुए हैं। ‘रेरा’ में अभी पंजीयन की गति धीमी चल रही है। पंजीयन की कार्रवाई पेंडिंग होने से बिल्डरों का कामकाज ठप है। गणेशोत्सव के दौरान भी प्रॉपर्टी का मार्केट ठंडा रहा। अब नवरात्रि भी खाली जाने की आशंका बढ़ गई है।
विज्ञापन भी नहीं दे पा रहे
ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स का जब तक पंजीयन नहीं होगा, तब तक बैंक भी लोन के प्रकरण क्लीयर नहीं कर सकेंगे। बिल्डरों का कहना है कि नवरात्रि से प्रॉपर्टी के मार्केट में तेजी आती है। लोग इस दौरान प्रॉपर्टी खरीदना शुभ मानते हैं, लेकिन अब तक उनके प्रोजेक्ट्स पंजीयन के लिए ही अटके हैं। ग्राहकों को जानकारी देने अथवा उन्हें अपने प्रोजेक्ट की खूबियां बताने विज्ञापन भी नहीं दे पा रहे।
बिल्डरों का कामकाज ठप
बिल्डरों के प्रदेश स्तरीय संगठन क्रेडाई ने भी ‘रेरा’ अध्यक्ष अंटोनी डिसा से मिलकर अपनी परेशानियां बताई हैं। बिल्डरों ने यह भी बताया कि पिछले कई महीनों से बिल्डर और डेवलपर्स का कामकाज ठप है। उनकी आमदनी बंद हो चुकी है। इस वजह से कई बिल्डरों के सामने तो कामकाज बंद करने की नौबत आ चुकी है।
अब तक 506 प्रोजेक्ट्स
रेरा के सूत्रों का कहना है कि 31 जुलाई के बाद अब तक 506 प्रोजेक्ट्स के पंजीयन हुआ है। ये प्रोजेक्ट्स भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन सहित अन्य शहरों के भी हैं। इनमें ज्यादा संख्या भोपाल-इंदौर की बताई गई है। हर दिन करीब तीन-चार दर्जन आवेदनों की जांच कर उनके पंजीयन की कार्रवाई चल रही है।
प्राथमिकता से हो कार्रवाई
‘रेरा’ में अब तक पंजीयन की कार्रवाई पूरी न हो पाने से बिल्डरों का कामकाज ठप है। नवरात्रि पर भी हाथ पर हाथ धरे बैठना पड़ेगा। ‘रेरा’ और सरकार को इस संबंध में प्राथमिकता से कार्रवाई करना चाहिए। – वासिक हुसैन, अध्यक्ष, मप्र क्रेडाई
सीधी बात: बिल्डरों को चिंता की जरुरत नहीं
अंटोनी डिसा, अध्यक्ष, रेरा
पंजीयन के आवेदन पेंडिंग हैं, क्या कहेंगे?
– हां, यह सही है कि 31 जुलाई तक जमा हुए आवेदनों में से करीब 1100 का अभी पंजीयन होना बाकी है।
बिल्डरों को नवरात्रि और दिवाली पर होने वाले व्यवसाय की चिंता सता रही है।
– बिल्डर-डेवलपर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं। अगले 2-3 सप्ताह में सभी पेंडिंग आवेदनों का पंजीयन कराने का प्रयास है।
प्रोजेक्ट बुकिंग की राशि खाते में रखने की अनिवार्यता अथवा अन्य नियमों में कोई संशोधन की संभावना?
– बिल्कुल नहीं, इस तरह का कोई प्रस्ताव विचाराधीन भी नहीं है।

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