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बड़ी खबर: तो मध्य प्रदेश में जल्द हो सकते हैं नगर निकाय चुनाव, ये है कारण

दरअसल सुप्रीम कोर्ट के तमिलनाडु के लिए निकाय चुनाव कराने के आदेश के बाद यह चर्चा शुरू हुई

मध्य प्रदेश में नगर निकाय चुनाव जल्द हो सकते ? यह चर्चा आज फिर शुरू हो गई। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के तमिलनाडु के लिए निकाय चुनाव कराने के आदेश के बाद यह चर्चा शुरू हुई कि अगर मध्य प्रदेश का मामला भी सुप्रीम अदालत गया तो यहां भी यह निर्णय नजीर बन सकता है।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु राज्य निर्वाचन आयोग (टीएनएसईसी) को चार मौजूदा जिलों में से बनाए गए नौ नए जिलों में 15 सितंबर तक स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है।

इस आदेश के बाद मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव की सुगबुगाहट बढ़ गई है। देखा जाए तो तमिलनाडु जैसी हालत मध्य प्रदेश में भी है यहां भी सरकार फिलहाल निकाय चुनाव कराने के मूड में नहीं, कारण कोरोना है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कोरोना को बहाना नहीं बताया जा सकता। साफ है कि प्रदेश में चुनाव को लेकर चर्चा तेज हैं कि सुप्रीम कोर्ट के तमिलनाडु में दिए गए निर्णय को माना जाए तो एमपी में भी निकाय चुनाव इसी साल हो जाएंगे।

जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाश कालीन पीठ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को 15 सितंबर तक स्थानीय निकायों के चुनाव कराने और परिणाम घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करनी होगी। पीठ ने शीर्ष अदालत के 11 दिसंबर, 2019 के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि टीएनएसईसी ने दिए गए चार महीने के समय के बजाय 18 महीने का समय ले लिया। अगर अदालत के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो निर्वाचन आयोग अवमानना की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआइ) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा ने कहा कि राज्य में अब भी कोविड-19 संक्रमण के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। इन नौ जिलों में चुनाव कराने के लिए कुछ समय दिया जाए। इस पर पीठ ने कहा कि कोविड-19 आजकल हर दूसरे मामले में बहाना बन गया है। पीठ ने कहा, ‘बेहतर होगा कि आप 15 सितंबर तक चुनाव करा लें अन्यथा हम अनुपालन नहीं करने को लेकर अवमानना की कार्रवाई शुरू कर देंगे।’

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