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Annapurna Jayanti 2021:अन्नपूर्णा मां की पूजा से रहती है घर में सुख-समृद्धि

Annapurna Jayanti 2021:अन्नपूर्णा मां की पूजा से रहती है घर में सुख-समृद्धि

Annapurna Jayanti 2021: हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है। हर वर्ष मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। हिंदू धर्म में मां अन्नपूर्णा को संसार का भरण पोषण करने वाली माता कहते हैं। इस साल अन्नपूर्णा जयंती 19 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिवस माता पार्वती को समर्पित है। आइए जानते हैं अन्नपूर्णा जयंती का महत्व, कथा और पूजन विधि

शास्त्रों के अनुसार अन्नपूर्णा अर्थात् धान्य की अधिष्ठात्री है। मां अन्नपूर्णा भी आदिशक्ति माता पार्वती का रूप हैं। इन्हें अन्नदा और शाकुम्भरी भी कहते हैं। अन्नपूर्णा जयंती मनाने का लक्ष्य जातकों को धान्य का महत्व समझाना है। मान्यता है कि इस दिन रसोई की सफाई करनी चाहिए। वह गैस और अन्न की पूजा करनी चाहिए। वह जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। ऐसा करने मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं। वह भक्तों के घर में सुख-समृद्धि आती है।

अन्नपूर्णा जयंती कथा

कथा के अनुसार एक बार काशी में अकाल पड़ गया और लोग भुख से परेशान हो गए। तब भगवान शिवजी ने लोगों का पेट भरने के लिए माता अन्नपूर्णा से मदद मांगी। मां ने भगवान शंकर को वचन दिया कि काशी में कभी भी कोई भूखा नहीं सोएगा। मान्यता है कि काशी में आने वाले हर किसी को माता के आशीर्वाद से अन्न प्राप्त होता है।

अन्नपूर्णा जयंती पूजन विधि

 

1. अन्नपूर्णा जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके स्वस्छ वस्त्र धारण करें।

2. पूरे घर और रसोई, चूल्हे की साफ-सफाई करें।

3. खाना पकाने के चूल्हे पर हल्दी, कुमकुम, चावल और पुष्प अर्पित करें।

4. अन्नपूर्णा जयंती पर किचन में माता अन्नपूर्णा का चित्र लगाएं और पूजा करें।

डिसक्लेमर ; वेब पोर्टल से लिया गया हम इसका दावा नहीं करते

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