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CM मोहन यादव का पहला आदेश: एमपी में धार्मिक स्थलों के हटेंगे लाउड स्पीकर

भोपाल। म.प्र. में धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप
ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर / डी.जे.) आदि का उपयोग किया जा सकेगा।

 

लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्व तेज आवाज में बिना अनुमतिके उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउडस्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जॉच के लिये सभी जिलों में उड़नदस्तों के गठन का निर्णय
लिया गया है। उडनदस्तें नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है का निरीक्षण कर सकेगें तथा नियमों के उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 03 दिवस में समुचित जॉच कर प्रतिवेदन संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेंगें।

 

 

धर्मगुरूओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउडस्पीकरों  को हटाने का प्रयास किया जायेगा तथा ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाई जायेगी जहाँ उक्त नियमों निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है तथा इसकी जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाकर दिनांक 31.12.2023 तक पालन प्रतिवेदन गृह विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है।

 

ध्वनि प्रदूषण के मामलों की सतत निगरानी के लिये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी समय-समय पर लाउडस्पीकरों/डी.जे. आदि के अवैधानिक प्रयोग के संबंध में प्रतिवेदन शासन
के समक्ष प्रस्तुत करेगें।

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