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केन्द्र सरकार की फटकार के बाद ट्विटर के तेवर पड़े कम, जारी किया ये बयान

New IT Policy इसका मतलब यह होता है कि किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर ट्विटर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है

नई दिल्ली New IT Policy। केंद्र सरकार की सख्ती की आगे आखिरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter को झुकना पड़ा। केंद्र सरकार की लगातार चेतावनी के बावजूद Twitter इंटरनेट मीडिया के नए नियमों का पालन नहीं करने पर अड़ा हुआ था। लेकिन केंद्र सरकार की सख्त कार्रवाई के बाद आखिरकार Twitter प्रबंधन झुक गया। गौरतलब है कि नियमों का पालन नहीं करने पर केंद्र सरकार ने IT ऐक्ट के तहत प्राप्त सुरक्षा का अधिकार ट्विटर से वापस ले लिया है। यानि इसका मतलब यह होता है कि किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर ट्विटर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है।

 

Twitter ने जारी किया ये बयान

नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर केंद्र सरकार लगातार Twitter को चेतावनी दे रही थी। 5 जून को इस संबंध में केंद्र सरकार ने अंतिम चेतावनी जारी की थी। अब Twitter के तेवर नरम पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जमकर निशाना साधते हुए कहा कि भारत की संस्कृति अपने बड़े भूगोल की तरह बदलती रहती है। कुछ परिदृश्यों में इंटरनेट मीडिया के प्रसार के साथ यहां तक ​​कि एक छोटी सी चिंगारी भी आग का कारण बन सकती है, खासकर फेक न्यूज के खतरे के साथ ज्यादा है।

 

सरकार ने इन्ही कारणों से नए IT नियमों को लागू किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह अचंभित करने वाली बात है कि Twitter खुद को स्वतंत्र भाषण के ध्वजवाहक के रूप में दर्शाता है,जब वह मध्यस्थ दिशानिर्देशों की बात करता है तो जानबूझकर इसे नहीं मानने का रास्ता चुनता है। उन्होंने कहा कि Twitter देश के कानून द्वारा अनिवार्य प्रक्रिया को स्थापित करने से इनकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में विफल रहता है।

 

कानून का शासन समाज की आधारशिला

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियां विदेशों में जब व्यापार करने जाती है तो स्वेच्छा से स्थानीय कानूनों का पालन करती हैं। फिर ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म दुरुपयोग के शिकार लोगों को आवाज देने के लिए बनाए गए भारतीय कानूनों का पालन करने में अनिच्छा क्यों दिखा रहे हैं? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कानून का शासन भारतीय समाज की आधारशिला है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी के लिए भारत की प्रतिबद्धता को G-7 शिखर सम्मेलन में फिर से दोहराया गया।

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