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ऐसे तैयार होगा CBSE परिणाम, सरकार ने बताई मूल्यांकन नीति, 31 जुलाई तक आएगा रिजल्ट

बारहवीं कक्षा का परिणाम यूनिट टेस्ट, टर्म एग्जाम और प्रैक्टिकल में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कक्षा बारहवीं परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सीबीएसई की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि कक्षा दसवीं और ग्यारहवीं का परिणाम 5 विषयों में से सबसे ज्यादा अंक पाने वाले 3 विषयों के अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा।

CBSE submitted before Supreme Court its evaluation criteria for awarding grades/marks for Class XII exams.

For class X & XI, marks in best of 3 from 5 papers in term exams will be considered. For Class XII, marks obtained in unit, term & practicals will be taken into account. pic.twitter.com/gowYPc7zEm
— ANI (@ANI) June 17, 2021

बारहवीं कक्षा का परिणाम यूनिट टेस्ट, टर्म एग्जाम और प्रैक्टिकल में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा।

 

CBSE 12th Board Result 2021: सीबीएसई समेत विभिन्न राज्यों के बोर्ड ने अपने यहां 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया। अब रिजल्ट कैसे जारी किया जाए, इस पर भी तस्वीर साफ हो गई है। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया है कि 31 जुलाई तक सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए 30:30:40 फॉर्मूला अपनाया जाएगा। यानी 10वीं और 11वीं कक्षा के फाइनल रिजल्ट को 30-30% वेटेज दिया जाएगा और 12वीं कक्षा के प्री बोर्ड एग्जाम को 40% वेटेज देते हुए छात्र का परिणाम जारी कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि कक्षा 10 (30% वेटेज), कक्षा 11 (30% वेटेज) और कक्षा 12 (40% वेटेज) में प्रदर्शन के आधार पर 12वीं के अंक तय किए जाएंगे। अधिकांश छात्रों ने इस फॉर्मूल पर प्रसन्नता जाहिर की है।

सीबीएसई की ओर से अटॉर्नी जनरल ने प्रस्ताव दिया कि छात्रों को कक्षा 12 के प्री-बोर्ड स्कोर, कक्षा 10 और 11 के अंतिम अंकों के औसत के आधार पर अंक दिए जाने चाहिए। यह थ्योरी सेक्शन के लिए होगा और प्रैक्टिकल के लिए अंक स्कूलों द्वारा जमा किए जाएंगे। अटॉर्नी जनरल ने कहा, दसवीं और ग्यारहवीं कक्षा के लिए टर्म परीक्षाओं में पांच पेपरों में से तीन में से सर्वश्रेष्ठ अंकों को लिया जाएगा। वहीं बारहवीं कक्षा के लिए यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में प्राप्त अंकों को ध्यान में रखा जाएगा।

सरकार द्वारा बनाई 13 सदस्यीय कमेटी (पैनल) की कई दौर की बैठकों के बाद यह फॉर्मूला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया गया है। सर्वोच्च अदालत की इस सुनवाई पर विभिन्न राज्यों के बोर्ड की भी नजर थी। बता दें, कोरोना महामारी से बच्चों को बचाने के लिए इस बार सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, तेलंगाना, गोवा, गुजरात बोर्ड ने भी अपने यहां परीक्षाएं रद्द कर दीं। अब सभी को रिजल्ट का इंतजार है।

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