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रेस्त्रां ने वसूला सर्विस चार्ज, तो मानी जाएगी कमाई, लगेगा टैक्स


इस संदर्भ में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस यानी सीबीडीटी को जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यानी अब सीबीडीटी के अधिकारी रेस्त्रां और होटल संचालकों से सर्विस टैक्स के ऐवज में हुई कमाई का हिसाब-किताब भी पूछेंगे और उस पर टैक्स वसूलेंगे।
सरकार ने इसी साल अप्रैल में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए थे कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक रखा जाए। सरकार का मानना है कि लोग जब ऑर्डर देते हैं तो यह मानते हैं कि बताई गई कीमत में सबकुछ शामिल है, इसलिए बिल बनाते समय अलग से सर्विस टैक्स वसूलना गलत है। रेस्त्रां और होटल संचालकों से यह भी कहा गया है कि वे अपने यहां नोटिस बोर्ड पर इसकी जानकारी दें।
बिना पूछे नहीं लगा सकते टैक्स
कोई भी सेवा प्रदाता उपभोक्ता से बिना पूछे सर्विस चार्ज नहीं ले सकता। इसके लिए उपभोक्ताओं को अलर्ट होना जरूरी है। उपभोक्ता पहले बिल देख लें। सर्विस चार्ज देना उपभोक्ता की मर्जी है। सेवा प्रदाता जबरन नहीं ले सकता। 1 जुलाई से जीएसटी आने के बाद ऐसा कोई चार्ज लगाना गैरकानूनी हो गया है।
अगर उपभोक्ता से इस तरह से कोई भी सेवा प्रदाता पैसे वसूलता है तो उपभोक्ता फोरम में इसकी शिकायत की जा सकती है।