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नाडेप टांका एवं जीवामृत खाद निर्माण तथा फसलों में उपयोग का दिया गया प्रशिक्षण

कटनी। स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद में विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए कम लागत तकनीकी के अंतर्गत स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को प्राचार्या डॉ सरिता पांडे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक प्रीत नेगी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

प्रशिक्षण के क्रम में नाडेप टांका द्वारा कम गोबर का उपयोग करके अधिक मात्रा में अच्छी खाद चार माह में 25 से 30 क्विंटल बनाने की जानकारी दी गई।

खाद में सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं जैविक खाद बनाने के लिए 10 से 12 तहों मैं कचरा गोबर मिट्टी को भरने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। देसी गाय के 1 ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु तथा गोमूत्र में 33 प्रकार के तत्व पाए जाते हैं। शीघ्र खादों के अंतर्गत मटका खाद जीवामृत खाद एवं घन जीवामृत को बनाने तथा फसलों में उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया गया।

जीवामृत खाद बनाने के लिए देसी गाय का 10 किलो गोबर 10 लीटर गोमूत्र 2 किलो गुड़ 2 किलो बेसन एवं 2 किलो मिट्टी तथा 200 लीटर पानी को एक ड्रम में घोलकर 5 से 7 दिन तक ढक कर छाया में रखकर दिन में दो बार डंडे से हिलाते हैं। 1 एकड़ की फसल में सिंचाई पानी के साथ जीवामृत खाद को खेत में बहा देते हैं। जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।

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