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MP के राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्यों में पर्यटकों से होने वाली आय में वन समितियों का भी रहेगा हिस्सा

MP के राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्यों में पर्यटकों से होने वाली आय में वन समितियों का भी रहेगा हिस्सा

MP मध्य प्रदेश में पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (पेसा) लागू करने के बाद सरकार ने ग्रामसभाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न् विभागों के अधिकार देने पर मंथन प्रारंभ कर दिया है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मंत्रालय में सामुदायिक वन प्रबंधन समिति को दिए जाने वाले अधिकारों के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्यों में पर्यटकों से प्राप्त होने वाले आय में वन समितियों को हिस्सा देने पर विचार किया गया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वनोपज के संग्रहण और विक्रय के अधिकार भी समितियों को देने की कार्ययोजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय वर्ग के व्यक्ति विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं। कई तरह के कानूनी बंधन हैं, जिसकी वजह से गतिविधियां प्रभावित होती हैं। इन्हें सरल किए जाने की जरूरत है ताकि जनजातीय वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। बैठक में सामुदायिक वन प्रबंधन समिति के गठन, उनके सशक्तीकरण और दिए जाने वाले अधिकारों पर विचार किया गया। दैनिक जरूरत के लिए जलाऊ बांस व बल्ली वैधानिक रूप से उपलब्ध कराने के लिए प्रविधान करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।

राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्यों से प्राप्त होने वाली राशि में समितियों की भागीदारी, वन प्रबंधन समितियों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के साथ महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने, वन क्षेत्रों के विकास और सूक्ष्म प्रबंधन की योजना के क्रियान्वयन में समितियों की भागीदारी, क्षमता विकास के लिए स्वंयसेवी संस्थाओं और विशेषज्ञों की सेवाओं लेने पर भी विचार किया गया।

अब वन विभाग के अधिकारी कार्ययोजना बनाकर मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करेंगे, जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मालूम हो कि सरकार 89 आदिवासी विकासखंडों में ग्रामसभाओं को सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार देने का निर्णय कर चुकी है। तेंदूपत्ता का संग्रहण और विक्रय वन समितियों के माध्यम से कराया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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