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यूक्रेन पर एक्शन में मोदी: पोलैंड के रास्ते भारतीयों को निकालेगी सरकार,मोदी-पुतिन की बातचीत

यूक्रेन पर एक्शन में मोदी:पोलैंड के रास्ते भारतीयों को निकालेगी सरकार,

रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। इसके चलते वहां का एयर स्पेस बंद हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए प्लान-B पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग की गई है।

मोदी-पुतिन की बातचीत
PMO से जारी बयान में कहा गया- प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत की। इस दौरान खासतौर पर यूक्रेन के मसले पर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने पुतिन से कहा कि नाटो और रूस को यूक्रेन मसला गंभीरत बातचीत से सुलझाना चाहिए। यूक्रेन और रूस के बीच फौरन सीजफायर होना चाहिए। मोदी ने यूक्रेन में मौजूद भारतीयों और खासकर स्टूडेंट्स की सुरक्षा मुद्दा उठाया। मोदी ने कहा कि भारतीयों को सुरक्षित वापसी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। दोनों नेता इस बात पर सहमत थे कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के डिप्लोमैट्स संपर्क में रहेंगे।

पूरा दिन भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए क्या किया गया…

  • यूक्रेन से भारतीय नागरिकों के बॉर्डर पार कर हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक रिपब्लिक और रोमानिया पहुंचने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस संभावना को देखते हुए इन चारों देशों के भारतीय दूतावासों से स्पेशल टीम यूक्रेन से सटे बॉर्डर पोस्ट पर भेज दी गई है। ये टीमें वहां पहुंचने वाले भारतीयों के दस्तावेज पूरे करने में मदद करेगी।

मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कैबिनेट सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी मौजूद रहे।

विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने मीटिंग के बाद बताया कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के वैकल्पिक तरीकों पर चर्चा की गई। इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। भारतीय नागरिकों को पोलैंड के रास्ते भारत लाया जाएगा। इसके लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे। पोलैंड-यूक्रेन की सीमा पर भारतीय दूतावास ने अपना कैंप लगा लिया है।

शृंगला ने इंडियन एयरफोर्स की मदद से भारतीयों को सीधे यूक्रेन से एयरलिफ्ट करने की संभावना पर भी मीटिंग में चर्चा होने की बात कही। उन्होंने कहा, इसके लिए हम रक्षा मंत्रालय के साथ संपर्क में है ताकि यूक्रेन की सिचुएशन के हिसाब से कदम उठाया जा सके। इसके लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर आज रात यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात करेंगे। विदेश सचिव ने कहा, हमने यूक्रेन की राजधानी कीव से सभी भारतीयों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सड़क मार्गों की मैपिंग कर ली गई है।

उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने मीटिंग में स्पष्ट कहा है कि सभी नागरिकों की सुरक्षित वापसी टॉप प्रायोरिटी है, इसे सुनिश्चित किया जाए। भारत सरकार यूक्रेन की सभी यूनिवर्सिटीज से इंडियन स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेज चलाने की रिक्वेस्ट भी कर रही है।

शृंगला ने कहा कि एक माह से वहां मौजूद सभी भारतीयों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था ताकि सही संख्या की जानकारी मौजूद रहे। इसी के आधार पर हमें करीब 20,000 नागरिकों की वहां मौजूदगी की जानकारी है। अब तक 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से पिछले कुछ दिन में वापस लौट चुके हैं। दिल्ली में बनाए गए कंट्रोल रूम को अब तक 980 कॉल्स और 350 ई-मेल्स मिल चुके हैं।

शृंगला ने रूस पर यूके, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, जापान आदि द्वारा लगाए प्रतिबंधों को लेकर कहा कि हमें देखना होगा इनसे हमारे हितों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। यह स्वीकार करना होगा कि किसी भी प्रतिबंध का हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।

उधर, न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मीटिंग में साथ ही इस संकट के कारण देश के हितों पर होने वाले प्रभाव की समीक्षा भी की गई। दरअसल, यूक्रेन और रूस, दोनों के साथ भारत के एकसमान सामरिक व कूटनीतिक रिश्ते हैं। भारत दोनों ही देशों से बड़े पैमाने पर रक्षा उपकरणों की खरीद भी करता है। ऐसे में इस संकट के कारण देश की रक्षा खरीद प्रभावित होने की संभावना बन रही है। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सरकार के सभी शीर्ष लोगों को इस मुद्दे पर डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से कोई भी कमेंट पब्लिकली करने पर रोक लगा दी गई है।

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