MP Board Exam Big Updates परीक्षा का रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर तैयार करने का विकल्प

MP Board Exam Big Updates परीक्षा का रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर तैयार करने का विकल्प

MP Board Exam Big Updates। दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इस बार भी इनकी एग्जाम को लेकर कहीं कोरोना और ओमीक्रोन अपना असर न दिखा दे। जी हां कोरोना के साथ साथ ओमीक्रॉन का खतरा हर तरफ मंडरा रहा है।

ऐसे में प्रदेश के पड़ेसी राज्य भी इससे अछूते नहीं है। पिछले साल की तरह इस साल भी हो सकता है दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं ऑफलाइन न हो पाएं। अगर ऐसा हुआ तो हो सकता है एक बार फिर परीक्षा का रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही तैयार हो। आपको बता दें अभी तक यह परीक्षाएं मार्च में आयोजित की जाती थी। लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए फरवरी से ही इन्हें आयोजित किए जाने की योजना है। पर ​पूरी स्थिति कोरोना के संक्रमण पर निर्भर करेगी।

ऑफलाइन परीक्षा कराने का है प्रयास 

एमपी बोर्ड के सचिव उमेश कुमार द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक बोर्ड का पूरा प्रयास ऑफलाइन परीक्षा कराने पर है। लेकिन एग्जाम के न होने की स्थिति में एक और विकल्प तैयार किया गया है। जिसके मुताबिक अगर परीक्षा नहीं हो पाती है तो उस स्थिति में इस बार फॉर्मूला रिजल्ट की जगह आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा। सचिव उमेश कुमार के अनुसार साल की शुरुआती दौर में ही सरकारी स्कूलों के साथ—साथ MP बोर्ड से संबंधित प्राइवेट स्कूल में आंतरिक मूल्यांकन की पूरी व्यवस्था करने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। पर ऑफलाइन परीक्षा न होे पाने की स्थिति में विद्यार्थियों के तिमाही, अर्द्धवार्षिक और साल भर के मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।

इस सत्र से लागू की गई 40 प्रतिशत वैकल्पिक प्रश्न की व्यवस्था

आपको बता दें अभी तक अब तक 10वीं-12वीं परीक्षा में 25% अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते थे। जिसे सत्र 2021—22 से एक नए पैटर्न के तहत 10वीं और 12वीं में 40% कर दिया गया है। लोक शिक्षण ने 24 सितंबर से आयोजित की जाने वाली तिमाही परीक्षा से इसे लागू भी कर दिया।

कोरोना का हवाला देते हुए MP बोर्ड के प्राइवेट स्कूलों ने आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा का विरोध किया था। जिसके चलते दो साल से परीक्षा नहीं होने के कारण फॉर्मूला रिजल्ट के आधार पर बच्चों को पास किया गया। प्राइवेट स्कूल्स ने न तो तिमाही और न ही अर्द्धवार्षिक परीक्षा कराई थीं। जिसके चलते उनके पास परीक्षार्थियों के मूल्यांकन करने का कोई आधार नहीं था। इन्हीं कारणों से इस बार बोर्ड ने जुलाई में सभी को आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य कर दिया था। अगर स्थिति बिगड़ती है तो इन्हीं आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।

इस तरह परीक्षा कराने की है योजना —

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