HOMEKATNI

विधार्थियो को जैविक खेती प्रशिक्षण दिया गया

  1. विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया।
  2. Warning
    Warning
    Warning
    Warning

    Warning.

    Warning
    Warning
    Warning
    Warning

    Warning.

     

    कटनी। मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय विजय राघवगढ़ में स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्राचार्या डॉ सुषमा श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ अरुण कुमार सिंह एवं डॉक्टर श्रीमती सुमन पुरवार के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा। प्रशिक्षण में बतलाया गया की जैविक खेती एक ऐसी प्रणाली है जिसमें रासायनिक खाद कीटनाशक एवं हारमोंस का प्रयोग न करते हुए ग्राम में उपलब्ध संसाधनों कचरा गोबर फसल अवशिष्ट पत्तियां डंठल आदि से जैविक खाद एवं गोमूत्र तथा पत्तियों से जैविक कीटनाशक बनाकर फसलों में उपयोग करने की जानकारी दी गई। जैविक खेती एवं रासायनिक खेती में अंतर एवं जैविक खेती से लाभ तथा रासायनिक खेती से नुकसान के विषय में बतलाया गया। जैविक खेती से भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि सिंचाई अंतराल में वृद्धि जलधारण क्षमता में वृद्धि बाजार पर निर्भरता में कमीफसल उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि तथा जीरो बजट फार्मिंग के विषय में बतलाया गया। रासायनिक खाद एवं कीटनाशक के उपयोग से भूमि मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को हो रहे नुकसान की जानकारी दी गई देसी गाय उसके गोबर एवं गोमूत्र के जैविक खेती में उपयोग तथा देसी गाय के एकग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु एवं गोमूत्र में 33 प्रकार के तत्व पाए जाते हैं के विषय में बतलाया गया।

Show More
Back to top button