Dharam नवग्रहों के राजा सूर्य देव 13 फरवरी रविवार को देर रात 3:27 बजे मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है, इसलिए इनका राशि परिवर्तन कई अर्थों में महत्वपूर्ण होता है। कुंभ संक्रांति के दिन त्रिपुष्कर व प्रीति योग का बना रहा है। जिस कारण इस संक्रांति का महत्व काफी बढ़ गया है। इसके साथ ही मप्र सहित देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले पूरी तरह से घट जाएंगे। इसके अलावा देश-विदेश में कुछ नई घटनाएं सामने आ सकती है। मां चामुंडा दरबार के पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि कुंभ राशि में गुरु पहले से ही मौजूद हैं। गुरु व सूर्य दोनों ही मित्र ग्रह हैं। इनका कुंभ राशि में मिलना दुनिया में कुछ बड़ी घटनाओं का सृजन करेंगा। कुंभ राशि पर सूर्य ग्रुरू ग्रह की युति 12 साल पहले 2010 में बनी थी। शनि की राशि में सूर्य का प्रवेश शनि की वस्तुओं में तेजी के संकेत देते है। जैसे सीमेंट,लोहा,तेल सरसों पत्थर आदि चीजों में तेजी आएगी।
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