रिश्तेदार के यहां खाना खाता मिला

 

बताया जाता है, कि पुलिस आरोपित की तलाश में ग्वालियर डीडी नगर गई, लेकिन वह वहां से निकल आया। रात में सूचना मिली कि स्कूल संचालक गोहद चौराहे पर आने वाला है। यहां पुलिस ने अपना जाल बिछा दिया। मुखबिर ने सूचना दी कि पवन गोहद चौराहे पर एक रिश्तेदार के घर पर है। पुलिस वहां पहुंची तो पवन वहां आराम से खाना खाता मिला। पुलिस पवन को पकड़कर देहात थाने लेकर आई और पूछताछ की तो पहले उसने गुमराह करते हुए कहा कि मंगलवार को स्कूल बंद था वह वहां गया ही नहीं था, लेकिन जब पुलिस ने फिंगरप्रिंट टीम द्वारा जुटाए गए सबूत दिखाए तो वह टूट गया।

 

कर्जदारों ने दिया अपहरण का आइडिया

 

आरोपित ने पूछताछ में बताया कि उसे आइपीएल क्रिकेट सट्टा खेलने का शौक है। इसलिए उस पर 25 से 30 लाख रुपये का कर्ज हो गया था। पिछले कुछ समय से कर्जदार रुपये वापस करने के लिए दबाव बना रहे थे। एक कर्जदार ने तो यहां तक कह दिया था कि तुम लूट, डकैती अपहरण या घर बेचो लेकिन मुझे हर हाल में रुपये चाहिए।

यहीं से उसे आर्यन का अपहरण कर फिरौती वसूलने का आइडिया मिल गया। चूंकि उसका स्कूल आर्यन के घर के पास था। साथ ही उसे यह भी पता था कि बालक का पिता भी छुट्टी पर आ गए हैं इसलिए उसने अपहरण की साजिश की।

 

हत्या से पहले बनाया था 24 सेकंड का वीडियो

 

मंगलवार को छुट्टी के कारण स्कूल बंद था। इसलिए वह सुबह 8.30 बजे स्कूल आया। नौ बजे आर्यन उसे बाहर दिखाई दिया, उसने इशारे से उसे बुलाया। बालक जैसे ही अंदर आया तो गेट बंद कर उसे आफिस में ले गया। यहां खेल-खेल में उसके हाथ-पैर बांध दिए और कहा कि मोबाइल पर डालने के लिए एक वीडियो तैयार करते हैं। इसमें तुम कहना कि ‘ पापा इन्हें पैसा दे दो, नहीं तो यह मुझे मार डालेंगे’। लेकिन बालक कुछ नहीं बोला।

दूसरी बार जब उसने वही बात दोहराई तो बालक को कुछ शक हुआ। इसलिए वह घर जाने की जिद करने लगा। आरोपित का कहना है, कि उसका प्लान था कि वीडियो भेजकर वह पिता से फिरौती वसूल कर लेता। लेकिन जब बच्चे ने घर जाने की जिद की तो उसने मुंह बंद करने के लिए अपने मोजे उसके मुंह में ठूंस दिए। पहले गला दबाया फिर फाल से गला घोंटा। इसके बाद वह मौका देखकर बड़े गेट से फांदकर वहां से बाहर निकला और ताला लगाकर निकल आया।

 

रेत की ट्राली में दबाकर शव ठिकाने लगाने का था प्लान

घटना के बाद पवन ने अपने साले 33 वर्षीय शैलेष उर्फ शैलू पुत्र राधेश्याम बौहरे निवासी वीरसेन का फार्म अटेर रोड, 19 वर्षीय दीपू उर्फ राधेश्याम बौहरे निवासी वीरसेन का फार्म को बालक की हत्या की जानकारी दी और शव को ठिकाने लगाने में मदद मांगी। दीपू ने अपने दोस्त मधुर कटारे और धीरेंद्र कांकर को घटना की जानकारी दी। मधुर ने कहा कि शव को रात के अंधेरे में दूर फिंकवा दो, जिससे पुलिस को पता नहीं चल सकेगा।

तय हुआ कि धीरेंद्र कांकर अपना रेत का ट्रैक्टर लेकर स्कूल के पास आएंगे। यहां आधा रेत प्लाट में डालकर शव को ट्राली में रखकर उसे रेत से दबाकर दूर कहीं जाकर फेंक देंगे। लेकिन पुलिस की सख्ती के कारण रेत का ट्रैक्टर नहीं आया। इसके बाद तय हुआ कि शैलेष और विश्राम बाइक से शव लेकर निकल जाएंगे। लेकिन रात तीन बजे तक पुलिस होने के कारण यह लोग भी नहीं आए। ऐसे में पवन ने ही छज्जे से शव को बोरी में भरकर फेंक दिया।

बुधवार को धीरज की हुई है सगाई

बताया जाता है, कि मुख्य आरोपित पवन के साले दीपू ने धीरज की मेहगांव में शादी तय कराई है। बुधवार को धीरज की सगाई भी हुई थी। सगाई के बाद पुलिस ने रात में धीरज को भी घर से उठा लिया।

 

पुलिस ने आरोपित को ले जाकर रिक्रेएशन किया

 

गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे तहसीलदार ममता शाक्य टीआइ विनोदसिंह कुशवाह आरोपित पवन को लेकर स्कूल लेकर गए। यहां पुलिस ने घटना का रिक्रेएशन किया। इसमें आरोपित ने बालक को बुलाने से लेकर उसकी हत्या और छज्जे से फेंकने तक की घटना दोहराई। तहसीलदार ने स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया कि वह 24 घंटे में भवन बनाने की अनुमति, नामांतरण, डायवर्सन आदि के दस्तावेज दिखाएं।

पुलिस ने आरोपित के घर की भी तलाशी ली है। मामले का खुलासा करने में देहात टीआइ के अलावा कोतवाली टीआइ जितेंद्र मावई, एसआइ रविंद्र सेंगर, दीपेंद्र यादव, शिवप्रताप सिंह, आलोक तोमर, नीतेंद्र मावई, रवि तोमर, रविंद्र तोमर, आशीष यादव, एएसआइ रामनरेश टुंडेलकर, सत्यवीरसिंह, हलवदार मृगेंद्र जादौन, सोनेंद्रसिंह, गुरुदास सोही, सुमित तोमर, आरक्षक ज्ञानेंद्र मिश्रा, अभिषेक गुप्ता, संदीपक राजावत, जितेंद्र यादव, सतेंद्र भदौरिया, कमल बघेल और गौरव मिश्रा की विशेष भूमिका रही।